5जी नेटवर्क विवाद के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी की जियो (Jio) की एस्तोनिया इकाई और फिनलैंड के ओलू विश्वविद्यालय (University of Oulu) ने 6जी तकनीक (6G Technology) के विकास के साथ उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए समझौता किया है। यह जानकारी गुरुवार (20 जनवरी, 2022) को जारी एक बयान के जरिए दी गई।
ओलू विश्वविद्यालय में 6जी के प्रमुख निदेशक प्रोफेसर मत्ती लातवा-अहो ने कहा,‘‘हम लक्षित अनुसंधान पहलुओं पर जियो एस्तोनिया और पूरे रिलायंस समूह के साथ सहयोग करने की उम्मीद कर रहे हैं….।’’
बकौल विवि, “6G, 5G के ऊपर है और अद्वितीय क्षमताओं के माध्यम से डिजिटलीकरण का विस्तार करता है। 5G और 6G सह-अस्तित्व में होंगे और उपभोक्ता और उद्यम उपयोग के मामलों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करेंगे।” माना जा रहा है कि इस गठजोड़ से जियो की 5जी क्षमता मजबूत होगी और उसे 6जी के क्षेत्र में संभावना तलाशने में मदद मिलेगी। जियो प्लेफार्म्स दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो की मूल कंपनी है।
‘5जी सेवाओं से विमानन रडार एल्टिमीटर को कोई जोखिम नहीं’: इस बीच, स्पेक्ट्रम से संबंधित मुद्दों पर काम करने वाले आईटीयू एपीटी फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने बताया है कि भारत में प्रस्तावित 5जी सेवाएं स्पेक्ट्रम बैंड में होंगी। इसमें पर्याप्त सुरक्षा उपाय होंगे। साथ ही इससे असैन्य विमानों के एल्टिमीटर में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। बता दें कि एल्टिमीटर विमानों के लिये एक महत्वपूर्ण ‘नैविगेशन’ उपकरण है। यह समुद्री स्तर से ऊंचाई को मापता है।
बी777 से US के लिए छह उड़ानों का परिचालन बहाल: उधर, एअर इंडिया ने कहा है कि उसने बृहस्पतिवार को बोइंग बी777 विमानों से भारत-अमेरिका की छह उड़ानें फिर से शुरू कर दी हैं। एयरलाइन ने कहा कि विमान निर्माता बोइंग ने इन विमानों का परिचालन करने की मंजूरी दे दी है, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है। उसने यह भी कहा कि अमेरिका के लिए उड़ानों का परिचालन बृहस्पतिवार देर रात से सामान्य हो जाएगा।
बता दें कि कई विमानन कंपनियों ने 5जी सेवाओं के क्रियान्वयन के कारण अमेरिका की अपनी उड़ानों को रद्द कर दिया है। उनका कहना है कि 5जी सिग्नल उनके सुरक्षा उपकरण ‘एल्टिमीटर’ में हस्तक्षेप कर सकता है, जबकि पायलट उड़ान भरने और ऊंचाई को मापने में इसका उपयोग करते हैं।