Pariksha Pe Charcha 2023: PM Narendra Modi ने आज (27 जनवरी 2023) को बोर्ड एग्जाम से पहले छात्रों, टीचर्स और पेरेंट्स के साथ परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में हिस्सा लिया। राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में पीएम ने एग्जाम प्रेशर, स्मार्ट वर्क, हार्ड वर्क, टेक्नोलॉजी, गैजेट और स्मार्टफोन से जुड़े तमाम सवालों का जवाब दिया। पीएम ने बच्चों के साथ-साथ देश के लोगों से SmartPhone और Gadgets के इस्तेमाल को लेकर भी बातचीत की। पीएम ने कहा कि स्मार्टफोन एक बीमारी है और इसे पहचान कर हमें इससे दूर रहने का प्रयास करना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘सबसे पहले तो ये निर्णय करना है कि आप स्मार्ट हैं या गैजेट स्मार्ट है। कभी-कभी तो लगता है कि आप अपने से भी ज्यादा, गैजेट को स्मार्ट मान लेते हैं। और गलती वहीं से शुरू होती है। आप विश्वास करिए- परमात्मा ने आपको बहुत शक्ति दी है। आप स्मार्ट हैं, गैजेट आपसे स्मार्ट नहीं हो सकता है। आपकी जितनी ज्यादा स्मार्टनेस ज्यादा होगी, उतना गैजेट का सही उपयोग होगा। यह एक इन्स्ट्रूमेंट है जो आपकी गति में नई तेजी लाता है। यह अगर हमारी सोच बनी रही तो मैं समझता हूं कि शायद आप गैजेट से छुटकारा पा सकते हैं।’
6 घंटे स्क्रीन टाइम पर PM Modi ने जताई चिंता
PM ने आगे कहा, ”दूसरा – देश के लिए बहुत बड़ा चिंता का विषय है, मुझे कोई बता रहा था कि भारत में ऐवरेज (औसतन) लोग 6 घंटे स्क्रीन पर बिताते हैं। जो इसका बिजनस करते हैं, उनके लिए तो खुशी की बात है। जब मोबाइल फोन पर टॉकटाइम होता था तो उस समय औसतन 20 मिनट स्क्रीन पर लगाते थे। लेकिन जब से स्क्रीन और उस पर से रील, शुरू होने के बाद निकलते नहीं हैं उसमें से।”
पीएम ने बच्चों से पूछा कि रील देखते वक्त उसमें से बाहर नहीं निकलते हैं। अगर औसतन 6 घंटे स्क्रीन पर लगे, तो यह बहुत चिंता का समय है। एक प्रकार से गैजेट हमें गुलाम बना देता है। हम उसके गुलाम बनकर नहीं जी सकते। परमात्मा ने हमें स्वतंत्र अस्तित्व और व्यक्तित्व दिया है, इसलिए हमें सचेत रहना चाहिए कि कहीं मैं इसके गुलाम तो नहीं हैं। आपने देखा होगा कि मेरे हाथ में कभी कोई मोबाइल फोन नहीं होता। कभी-कभार ही देखा होगा मेरे हाथ में मोबाइल। मैंने क्यों अपने आपको संभालकर रखा हुआ है। जबकि मैं ऐक्टिव बहुत हूं, लेकिन मैंने मोबाइल यूज करने के लिए समय तय कर रखा है। उस समय के अलावा, मैं ज्यादा फोन यूज नहीं करता हूं।
टेक्नोलॉजी के पीछे भागें नहीं- पीएम
पीएम ने आगे कहा कि मैंने देखा है कि अच्छी-बड़ी मीटिंग चल रही होती है, थोड़ा सा वाइब्रेशन आया तो तुरंत निकालकर देखते हैं। मुझे लगता है कि हमें ऐसी कोशिश करनी चाहिए कि हम इन गैजेट का गुलाम नहीं बनें। अब उसमें से जो मेरे काम की चीज है, उस तक ही मैं इस्तेमाल करूं। मैं टेक्नोलॉजी का उपयोग करूंगा, उससे भागूंगा नहीं। लेकिन उसको अपनी जरूरत के मुताबिक ही उपयोग करूंगा।
पीएम ने कहा, ‘मान लीजिए हमने ऑनलाइन डोसा बनाने की बढ़िया रेसिपी पढ़ी, घंटो लगा दिए, इन्ग्रीडेंट पढ़ें। लेकिन इससे पेट नहीं भरेगा। उसके लिए बनाकर खाना पड़ेगा। पहले के बच्चे पहाड़ा बोलते थे, लेकिन अब कोई नहीं बोलता। हमें अपनी क्षमता खोए बिना, अपनी क्षमता को आगे बढ़ाना है। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हम अपने आपको लगातार टेस्ट करते रहें।’
पीएम मोदी ने कहा कि दिन में कुछ घंटे टेक्नोलॉजी का फास्ट करें। तय करें कि कुछ समय तक टेक्नोलॉजी, गैजेट से दूर रहें। सप्ताह में एक दिन नो डिजिटल डिवाइस फास्ट करके देखें। ऐसा करने से होने वाला फायदा देखें। घर में सब साथ में बैठे होते हैं लेकिन सब अपने फोन में खोए रहते हैं।
पीएम ने गैजेट, मोबाइल को बीमारी बताते हुए कहा कि इन बीमारियों को पहचानें और एक घर में एक एरिया को नो टेक्नोलॉजी ज़ोन (No Technology Zone) बनाएं। और वहां आराम से बैठकर आपस में बातचीत करें। इसके बाद आपको जीवन का आनंद मिलने लगेगा और आनंद होगा तो आप इस गैजेट की बीमारी से बाहर आ सकेंगे।