भाजपा के पूर्व नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने युवाओं में ऑनलाइन गेम में बढ़ती दिलचस्पी को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान बच्चों में ऑनलाइन गेम को लेकर रुझान अधिक बना। जिसे लेकर उन्होंने इसे लेकर चिंता जाहिर करते हुए केंद्र सरकार से मांग की कि इस पर नियंत्रण के लिए व्यापक विनियामक नीति बनाई जाए।
राज्यसभा में शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग अब तो जुआ और सट्टे में तब्दील हो गया है। उन्होंने इस पर एक समान कर लागू करने का भी सुझाव दिया। सुशील मोदी की इस मांग का राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने भी गंभीरता से संज्ञान लिया और सदन में मौजूद संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव से कहा कि वह इस मामले पर ध्यान दें और कानून मंत्री से विमर्श करके आवश्यक कदम उठाएं।
43 करोड़ से अधिक यूजर्स खलते हैं ऑनलाइन गेम
सुशील मोदी ने जानकारी देते हुए कहा कि लॉकडाउन के बाद 43 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता ऑनलाइन गेम खेल रहे हैं। 2025 तक यह आंकड़ा 65.7 करोड़ हो जाएगा। ऑनलाइन गेमिंग से इस उद्योग ने 43.3 करोड़ उपयोगकर्ताओं से इस वित्तीय वर्ष में 13,600 करोड़ रुपये कमाई गई है और वित्तीय वर्ष 2025 में यह अनुमान 65.7 करोड़ उपयोगकर्ताओं से कमाई 29,000 करोड़ पहुंच सकती है।
गेम डाउनलोड की संख्या में भी हुआ इजाफा
मोदी ने कहा कि तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाए थे लेकिन इन राज्यों के संबंधित उच्च न्यायालयों ने इसे खारिज कर दिया। इस पर जल्द से जल्द कानून बनाना चाहिए नहीं तो इस देश के करोड़ों बच्चों को ऑनलाइन गेम की आदतों से हम रोक नहीं पाएंगे। बता दें कि देश में आज करोड़ों युवा लूडो किंग, रमी, पोकर और ड्रीम 11 जैसे ऑनलाइन खेल खेल रहे हैं। जिसको डाउनलोड करने में भारी इजाफा हुआ है।