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e-Commerce सेक्टर को मिलेगी नई रफ्तारः 100Km प्रतिघंटे की स्पीड से उड़ेगा यह Made in India ड्रोन, ढो सकेगा 150Kg तक के सामान

पहला ऐसा मेड इन इंडिया ड्रोन दो साल के अंदर आ सकता है, जो 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 150 किलोमीटर तक जाएगा और अपने साथ 150Kg तक का (कार्गो) सामान भी ले जा सकेगा। एक पैकेज को पहुंचाने में जहां 72 घंटे का समय लगता है वहीं अब 8 से 12 घंटे में पहुंचाया जा सकेगा।

100Km प्रतिघंटे की स्पीड से उड़ेगा यह Made in India ड्रोन, ढो सकेगा 150Kg तक के सामान (File Photo)
100Km प्रतिघंटे की स्पीड से उड़ेगा यह Made in India ड्रोन, ढो सकेगा 150Kg तक के सामान (File Photo)

नई- नई तकनीकों की शुरुआत देश में की जा रही है। इसी क्रम में ड्रोन तकनीक को सामानों की डिलीवरी के लिए भी उपयोग किया जाने लगा है। ताकि सुदूर इलाकों में भी सामानों की डिलीवरी सुगमता से की जा सके और समय भी कम लगे। इसी क्रम में पहला ऐसा मेड इन इंडिया ड्रोन दो साल के अंदर आ सकता है, जो 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 150 किलोमीटर तक जाएगा और अपने साथ 150Kg तक का (कार्गो) सामान भी ले जा सकेगा। एक पैकेज को पहुंचाने में जहां 72 घंटे का समय लगता है वहीं अब 8 से 12 घंटे में पहुंचाया जा सकेगा।

इस मेड इंडिया ड्रोन का नाम HL-150 है, जो न्यूस्पेस रिसर्च एंड टेक्नोलॉजीज द्वारा डिजाइन किया जा रहा है। बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप ने ड्रोन डिलीवरी सेवाओं के साथ प्रयोग करने के लिए एयरलाइन स्पाइसजेट के साथ भागीदारी की है। इस संबंध मे जानकारी देते हुए न्यूजस्पेस के सीईओ समीर जोशी ने कहा कि डिजाइन पूरी तरह से आंतरिक तरीके से किया गया है। कंपनी सरकार द्वारा संचालित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ मिलकर काम कर रही है।
जो भारतीय वायु सेना के लिए मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) और सेना के लिए झुंड ड्रोन तैयार करती है।

न्यूस्पेस का HL-150 ड्रोन की खासियत
यह ड्रोन 100 किमी प्रति घंटे तक की गति से उड़ान भरेगा। यह खराब मौसम में भी बेहतर तरीके से उड़ सकेगा। ड्रोन का मूल एक उन्नत कंप्यूटिंग सिस्टम होगा, जो हमारे द्वारा विकसित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिदम के आधार पर स्वतंत्र निर्णय लेते हुए ड्रोन को स्वायत्त रूप से संचालित करने की अनुमति देता है। यह एक इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा संचालित होगा।

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अन्‍य ड्रोनों से होगा बिल्‍कुल अलग
न्यूस्पेस का एचएल-150 दुनिया भर में ई-कॉमर्स संचालन के लिए विकसित किए जा रहे अधिकांश अन्य ड्रोन से अलग है। फिलहाल, वाणिज्यिक ड्रोन संचालन कॉमर्शियल ऑपरेशंस के लिए ड्रोन का इस्तेमाल ज्यादातर लास्ट माइल डिलीवरी तक की समिति है, जहां 1 से 5 किलोग्राम वजन वाले उत्पाद को आमतौर पर उसके अंतिम गंतव्य तक पहुंचाया जाता है। बता दें कि हेवी-लिफ्ट ड्रोन आकाश में अधिसूचित कार्गो लेन पर संचालित करने के लिए होते हैं जिन्हें वर्तमान में विमानन निगरानी, ​​​​नागरिक उड्डयन महानिदेशालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा जाना जा रहा है।

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First published on: 12-12-2021 at 18:33 IST
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