Georges Lemaître Google Doodle: अल्बर्ट आइंस्टीन ने की थी जार्ज लेमैत्रे की खड़े होकर सेमिनार में तारीफ, गूगल ने याद में बनाया डूडल
Georges Lemaître Google Doodle, जॉर्ज लेमैत्रे: 1941 में इन्हें रॉयल अकेडमी ऑफ साइंस ऐंड आर्ट्स ऑफ बेल्जियम का सदस्य भी चुना गया। जॉर्ज हेनरी को उनके कामों के लिए कई बार सम्मानित भी किया गया।

Georges Lemaître Google Doodle, जॉर्ज लेमैत्रे: गूगल दिग्गज हस्तियों को याद करता रहता है। आज गूगल ने जॉर्ज हेनरी जोसेफ एडवर्ड लेमैत्रे को याद किया है। इन पर गूगल ने एक डूडल बनाया है। दरअसल आज जॉर्ज हेनरी का जन्मदिन है। आज से 124 साल पहले जॉर्ज हेनरी का जन्म हुआ था। जॉर्ज हेनरी एक प्रसिद्ध कैथोलिक पादरी, ज्योतिषी और फिजिक्स के प्रोफेसर थे। एडवर्ड लेमैत्रे कैथोलिक यूनिवर्सिटी, ल्यूवेन में फिजिक्स के प्रोफेसर थे। इन्होंने सैद्धांतिक आधार पर दावा किया था कि ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है, जिसकी पुष्टि बाद में एडविन हबल द्वारा भी की गई। जिसे आज हबल लॉ के नाम से जाना जाता है उसको प्राप्त करने वाले यह पहले व्यक्ति थे। जिसे आज हबल कॉन्सटैंट कहा जाता है उसका सबसे पहला अनुमान इन्होंने ही लगाया था।
इनका यह अनुमान हबल के आर्टिकल से 2 साल पहले 1927 में ही पब्लिश हो गया था। लेमैत्रे का जन्म 17 जुलाई 1894 को बेल्जियम में हुआ था। 17 साल की उम्र में इन्होंने कैथोलिक यूनिवर्सिटी, ल्यूवेन से सिविल इंजिनियरिंग की पढ़ाई शुरू कर दी थी। लेमैत्रे ने ब्रह्मांड की उत्पत्ति की ‘बिग बैंग थ्योरी’ को भी प्रस्थापित किया था जिसे वह अपनी ‘हायपोथेसिस ऑफ द प्रीमेवल एटम’ या ‘कॉसमिक एग’ कहते थे।
जॉर्ड हेनरी दावा किया था कि ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है, जिसकी पुष्टि बाद में एडविन हबल द्वारा भी की गई। इस डूडल में लेमैत्रे की तस्वीर दिखाई गई है और उनके पीछे विस्तार करता ब्रह्मांड दिखाया गया है।
1933 में ल्यूमे ने अल्बर्ट आइंस्टीन के साथ कैलिफोर्निया में सेमिनार की एक पूरी सीरीज अटेंड की। जॉर्ज हेनरी को सुनने के बाद अल्बर्ट आइंस्टीन ने खड़े होकर कहा था कि यह दुनिया का सबसे सुंदर और संतोषजनक स्पष्टीकरण है जिसे मैंने कभी सुना है।
उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई सिविल इंजीनियरिंग से की थी, लेकिन इस दौरान प्रथम विश्व युद्ध के समय वे आर्टिलरी ऑफिसर के तौर पर बेल्जियम आर्मी में शामिल हो गए, जिससे उनकी पढ़ाई वहीं पर रुक गई। उन्होंने कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड रेडिएशन की खोज भी की, जिन्होंने उनकी बिग बैंग थ्योरी को और मजबूत बना दिया।
इन्होंने सैद्धांतिक आधार पर दावा किया था कि ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है, जिसकी पुष्टि बाद में एडविन हबल द्वारा भी की गई। जिसे आज हबल लॉ के नाम से जाना जाता है उसको प्राप्त करने वाले यह पहले व्यक्ति थे। जिसे आज हबल कॉन्सटैंट कहा जाता है उसका सबसे पहला अनुमान इन्होंने ही लगाया था।
1927 में लेमैत्रे कैथलिक यूनिवर्सिटी ऑफ लियूवेन में एस्ट्रोफिजिक्स पढ़ाने लगे और इसी साल उन्होंने अपनी फेमस बिग बैंग थ्योरी को भी दुनिया के सामने रखा। हालांकि लेमैत्रे की बिग बैंग थ्योरी को बाद में एडविन हबल ने कन्फर्म किया था, जिसके बाद इसे हबल लॉ के नाम से भी जाना जाता है।
युद्ध खत्म होने के बाद उन्होंने फिजिक्स और मैथ्स से अपनी पढ़ाई फिर शुरू की। अध्यात्म की तरफ झुकाव होने की वजह से वे पुजारी भी बन गए। 1923 में वो कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हुए। इसके बाद वे आगे की पढ़ाई के लिए हार्वड और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में भी गए।
17 मार्च 1934 को इन्हें किंग ल्योप्लॉड 3 द्वारा फ्रैंक्वी प्राइज दिया गया जो बेल्जियम के सर्वोच्च साइंटिफिक अवॉर्ड में गिना जाता है। 1953 में इनको रॉयल ऐस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी द्वारा एडिंग्टन मेडल से सम्मानित किया गया। 20 जून 1966 को इनका निधन हो गया।
1936 में इनको पॉन्टिफिकल अकेडमी ऑफ साइंस के सदस्य के तौर पर चुना गया। 1941 में इन्हें रॉयल अकेडमी ऑफ साइंस ऐंड आर्ट्स ऑफ बेल्जियम का सदस्य भी चुना गया। जॉर्ज हेनरी को उनके कामों के लिए कई बार सम्मानित भी किया गया।
1933 में ल्यूमे ने अल्बर्ट आइंस्टीन के साथ कैलिफोर्निया में सेमिनार की एक पूरी सीरीज अटेंड की। जॉर्ज हेनरी को सुनने के बाद अल्बर्ट आइंस्टीन ने खड़े होकर कहा था कि यह दुनिया का सबसे सुंदर और संतोषजनक स्पष्टीकरण है जिसे मैंने कभी सुना है।