Facbeook Killing Smartphone Battery: फेसबुक दुनिया में सबसे ज्यादा पॉप्युलर सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म है। लेकिन Facebook का नाता लोकप्रियता के साथ विवादों से भी रहा है। प्राइवेसी रिस्क हो या टारगेटेड ऐड्स Meta के मालिकाना हक वाले इस सोशल मीडिया दिग्गज पर कई चीजों को लेकर आरोप लगा है। अब फेसबुक के पूर्व कर्मचारी ने दावा किया है कि Facebook App यूजर्स के सेलफोन की बैटरी की खपत करता है।
New York Post की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 33 साल के जॉर्ज हेवर्ड ने फेसबुक मैसेंजर (Facebook Messenger App) ऐप में डेटा साइंटिस्ट के तौर पर काम किया है। जॉर्ज ने negative testing के नाम वाली एक प्रैक्टिस का खुलासा किया है जिसके जरिए टेक कंपनियां, रनिंग फीचर के नाम पर सेलफोन की बैटरी का एक बड़ा हिस्सा चुपके से खर्च कर देती हैं।
फेसबुक के इस पूर्व कर्मचारी का दावा है कि जब उन्हें निगेटिव टेस्टिंग फीचर का पता चला तो उन्होंने अपने मैनेजर के साथ इस बारे में बातचीत की। मैनेजर ने जवाब देते हुए कहा, ‘कुछ लोगों को नुकसान पहुंचाकर हम बहुत सारे दूसरे लोगों की मदद कर सकते हैं।’ हेवर्ड ने अपने मुकदमे में दावा किया है कि इस निगेटिव टेस्टिंग प्रैक्टिस को करने से मना कर दिया और जिसके चलते उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया।
Facebook’s Negative Testing
हेवर्ड ने आगे बताया कि मैंने इस टेस्ट को करने से मना कर दिया। और कहा कि मैंने इसे गैरकानूनी बताया।
बता दें हेवर्ड ने 2019 में फेसबुक ऐप जॉइन किया था। उनका कहना है कि इस बात की जानकारी नहीं है कि कितनी संख्या में फेसबकु यूजर्स (Facebook Users) इस प्रैक्टिस के चलते प्रभावित हो रहे हैं। लेकिन यह बात निश्चित है कि कंपनी निगेटिव टेस्टिंग कर रही है। हेवर्ड को ‘How to run thoughtful negative tests’ टाइटल वाला एक इंटरनल ट्रेनिंग डॉक्युमेंट इसीलिए दिया गया था। इस डॉक्युमेंट में कंपनी द्वारा किए जा चुके इस तरह के ट्रायल के उदाहरण थे।
हेवर्ड ने बताया कि मैंने अपने कैरियर में इससे ज्यादा भयावह डॉक्युमेंट पहले कभी नहीं देखा।
पहले भी लग चुके हैं फेसबुक पर ऐसे आरोप
गौर करने वाली बात है कि फेसबुक पर लंबे समय से चोरी-छिपे फोन की बैटरी की खपत करने के आरोप लगे हैं। 2015 से लगातार ऐसी खबरें आ रही हैं कि फेसबुक का iOS ऐप उस समय भी बड़े अमाउंट में फोन की बैटरी की खपत करता है जबकि ऐप खुला ना हो।
2016 में ऐंड्रॉयड ब्लॉगर रसेल हॉली (Russell Holly)से इंस्पायर होकर रेडिट यूजर pbrandes_eth ने एक LG G4 ऐंड्रॉयड स्मार्टफोन पर कुछ टेस्ट किए ताकि डिवाइस की परफॉर्मेंस पर फेसबुक ऐप के प्रभाव का पता लग सके। उनका कहना है कि फेसबुक और मैसेंजर के फोन में इंस्टॉल ना होने पर फोन में दूसरे ऐप्स 15 प्रतिशत तेजी से खुल रहे थे जबकि इन FB ऐप्स के फोन में मौजूद होने पर इनकी स्पीड कम थी।