10 दिन में एक करोड़ डाउनलोड्स वाली BHIM App हुई फ्लॉप? 90% घटी डाउनलोड्स की संख्या
महज 10 दिनों में BHIM के 1 करोड़ डाउनलोड हो गए थे। यानी हर दिन 10 लाख डाउनलोड्स।

एक तरफ जहां नरेंद्र मोदी सरकार डिजिटल लेन-देन का बढ़ावा देने के लिए नए-नए कदम उठा रही है, वहीं उसके महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट BHIM एप की लोकप्रियता तेजी से गिरी है। 30 दिसंबर, 2016 को जब मोदी ने BHIM एप लॉन्च की थी तो इसे डिजिटल लेन-देन की दुनिया में क्रांति बताया था। एप तेजी से लोकप्रिय भी हुई। शुरुआती 10 दिनों में BHIM App धुआंधार डाउनलोड हुई और आंकड़ा एक करोड़ को भी पार कर गया। तब 9 जनवरी को पीएम ने ट्ववीट कर कहा था, ”जानकर प्रसन्नता हुई कि 10 दिनों के भीतर भीम ऐप को 1 करोड़ स्मार्टफोन में डाउनलोड किया गया। भीम एप ने डिजिटल लेनदेन को तेज और आसान कर दिया है, जिसके कारण यह युवाओं के बीच लोकप्रिय हो गया है। यह ऐप व्यापारियों के लिए भी लाभकारी है। भीम एप मेक इन इंडिया तथा भ्रष्टाचार व काले धन की समस्या को खत्म करने में प्रौद्योगिकी किस प्रकार सहायक है, इसका एक बढ़िया उदाहरण है।” मगर इसके अगले 10 दिनों में एप के डाउनलोड्स अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहे, फिर भी सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है।
महज 10 दिनों में BHIM के 1 करोड़ डाउनलोड हो गए थे। यानी हर दिन 10 लाख डाउनलोड्स। मगर उसके बाद 19 जनवरी को सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जानकारी दी कि नई भीम एप के डाउनलोड 1.1 करोड़ के आंकड़े पर पहुंच गए हैं। इसका मतलब 10 दिन में सिर्फ 10 लाख डाउनलोड्स हुए यानी हर दिन सिर्फ एक लाख लोगों ने इस एप को डाउनलोड किया। 20 दिनों के समय को दो हिस्सों में बांटें तो डाउनलोड्स की संख्या में 90 फीसदी की कमी आई है।
रविशंकर प्रसाद ने बताया कि प्रस्तावित आधार से जुड़ी भुगतान प्रणाली को जल्द पेश किया जाएगा जिसका प्रधानमंत्री ने अपने 30 दिसंबर के भाषण में उल्लेख किया था। भारतीय स्टेट बैंक सहित चार बैंक पहले ही इस प्रणाली पर आ चुके हैं। मंत्री ने कहा कि भीम एप का डाउनलोड 1.1 करोड़ पर पहुुंच गया है। भीम एप की लोकप्रियता लोगों की डिजिटल भुगतान के प्रति इच्छा को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन में भीम एप का डाउनलोड तेजी से बढ़ा है। इससे पता चलता है कि डिजिटल भुगतान को अपनाने के मामले में भारत किस तरीके से बदल रहा है।
नई आधार आधारित भुगतान प्रणाली के बारे में मंत्री ने कहा कि इसकी रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसे काफी जल्दी पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक बार नई आधार आधारित भुगतान प्रणाली शुरू होने के बाद लोगों को भुगतान करने के लिए मोबाइल फोन या स्मार्टफोन की भी जरूरत नहीं होगी।
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