मानस मनोहर
भरवां करेले
करेले को भरवां बना कर खाएं, तो इसका स्वाद लाजवाब होता है, इसकी कड़वाहट भी काफी कम हो जाती है। भरवां करेला बनाने की भी कई विधियां हैं। भारतीय व्यंजनों की यही खूबसूरती है कि हर कोई उसे नए अंदाज में बना सकता है।
भरवां करेले का स्वाद उसकी भरावन पर निर्भर करता है। इसे लोग अलग-अलग तरीके से बनाते हैं। कुछ लोग इसके ऊपर का छिलका और गूदा निकाल कर उसमें प्याज टमाटर मिला कर भरावन तैयार करते हैं, तो कुछ लोग इसके गूदे का बिल्कुल उपयोग नहीं करते। कुछ लोग इसे पहले उबाल कर कड़वाहट कम करने का प्रयास करते हैं, तो कुछ लोग तेल में तल कर पकाते हैं।
पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल आदि में इसकी भरावन के लिए पिसी हुई सरसों, खटाई और खड़े मसालों का उपयोग करते हैं, जैसे अचार के लिए करते हैं। मगर बहुत सारे लोग सरसों खाना पसंद नहीं करते, तो वे प्याज-टमाटर का इस्तेमाल करते हैं। आप इन तमाम पद्धतियों के बीच का फार्मूला इस्तेमाल करें।
भरवां करेले बनाने के लिए कोशिश करें कि देसी करेले लें। देसी करेले पूरी तरह हरे नहीं होते, उनकी रंगत कुछ सफेदी लिए होती है। छोटे आकार के करेले लें। उन्हें अच्छी तरह धोकर पानी सुखा लें। अब दोनों सिरों से हल्का काटने के बाद बीच में चीरा लगाएं और चाकू की मदद से उसका गूदा निकाल लें।
छिलका उतारने की बिल्कुल जरूरत नहीं। अब करेले के भीतरी हिस्से में अंगुलियों की मदद से नमक और हल्दी के मिश्रण का लेप लगा कर ढंक कर आधे घंटे के लिए अलग रख दें। इस तरह करेले की कड़वाहट काफी कम हो जाती है। फिर करेले के गूदे को एक छोटे प्याज के साथ मिक्सर में डाल कर पीस लें ताकि करेले के बीज अच्छी तरह पिस जाएं।
अब दो से तीन खाने के चम्मच बराबर काली सरसों पीस लें। उसी में डेढ़ चम्मच खटाई मिला दें। अब कड़ाही में खाने के चम्मच से एक चम्मच सरसों का तेल गरम करें। उसमें चुटकी-चुटकी भर जीरा, कलौंजी, सौंफ और अजवाइन का तड़का लगाएं।
कलौंजी और सौंफ के तड़के से अचारी स्वाद आता है। सौंफ का करेले के साथ मेल बहुत अच्छा होता है, इसका उपयोग अवश्य करना चाहिए। अब तड़के में प्याज और करेले का मिश्रण डाल कर चलाते हुए तीन से चार मिनट के लिए पकाएं। फिर उसमें सरसों और खटाई का मिश्रण डालें।
आधा छोटा चम्मच चीनी और चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर, दो चम्मच धनिया पाउडर डालें और तेल छोड़ने तक पका लें। इस मिश्रण को निकाल कर अलग रखें और ठंडा होने दें। इसी मिश्रण में से थोड़ी-थोड़ी मात्रा लेकर करेलों में भर दें।
अब एक कड़ाही में चार-पांच चम्मच सरसों का तेल गरम करें। वैसे भरवां करेले मिट्टी के बरतन में बनाए जाते हैं, पर आप उसकी जगह कड़ाही का उपयोग कर सकते हैं। जब तेल गरम हो जाए, तो सावधानी से उसमें करेले के भरे हुए हिस्से को ऊपर की तरफ रखते हुए डाल दें।
आंच बिल्कुल मद्धिम रखें। इसे कम से कम एक घंटे तक पकने दें। फिर पलट कर दूसरी तरफ से भी पका लें। जब गांवों में मिट्टी के बरतन में इसे पकाया जाता है, तो बिल्कुल मद्धिम आंच पर चार-पांच घंटे तक पकाया जाता है। मगर आप कम से कम डेढ़ घंटे तक तो पकाएं ही। जितनी मद्धिम आंच पर और जितनी देर तक करेला पकेगा, उसका स्वाद उतना ही निखरेगा।
भरवां लौकी
नाम सुन कर आपको थोड़ा अटपटा लग रहा होगा, मगर लौकी को भी भरवां रूप में बनाया जा सकता है। यखनी लौकी पर अभी थोड़े दिन पहले ही बात की थी। उसी तरह भरवां लौकी बनाई जा सकती है। भरवां लौकी बनाना भरवां करेले की अपेक्षा आसान है। इसे बनाने के दो हिस्से हैं। एक तो भरवां लौकी को पकाना और दूसरा इसकी ग्रेवी यानी तरी तैयार करना। पहले भरवां लौकी पकाने की बात।
पतली, कच्ची लंबी वाली लौकी लें। छिलका उतारें और तीन से चार इंच की लंबाई में काट लें। अब चाकू की मदद से इसके बीच का गूदा निकाल लें। इस गूदे को किसी और सब्जी के साथ पका सकते हैं। लौकी के इसी खोखले भाग में भरावन भरना है।
इसका भरावन तैयार करने के लिए दो उबले हुए आलू, करीब डेढ़ सौ ग्राम पनीर, तीन-चार हरी मिर्च, चौथाई कटोरी बारीक कटा हुआ धनिया चाहिए। आलू और पनीर को कद्दूकस कर लें। उसमें बारीक कटी हरी मिर्च और धनिया डालें। जरूरत भर का नमक, आधा छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर, चुटकी भर जीरा और इतनी ही मात्रा में अजवाइन डालें।
आधा छोटा चम्मच गरम मसाला और एक चम्मच धनिया पाउडर डाल कर मिश्रण तैयार करें। इस मिश्रण को लौकी के खोखल में अच्छी तरह दबा कर भर दें। ध्यान रखें कि भरावन बाहर की तरफ न निकले, नहीं तो वह सेंकते समय फैल कर सब्जी को बदरंग कर देगा। थोड़ा अंदर की तरफ ही रखें तो बेहतर।
अब कड़ाही या पैन में तेल गरम करें और आंच मध्यम रख कर उसमें भरे हुए लौकी के टुकड़ों को सिंकने के लिए रख दें। ऊपर से ढंक दें। बीच-बीच में ढक्कन खोल कर लौकी को पलट लिया करें, ताकि चारों तरफ से बराबर सिंक जाए।
जब तक लौकी सिंक रही है, तब तक ग्रेवी तैयार कर लें। इसके लिए तरी दही से तैयार करें, तो अच्छा रहता है। नहीं तो टमाटर-प्याज की भी बना सकते हैं।
जब लौकी अच्छी तरह पक जाए, तो एक बड़े कटोरे में निकालें और इसके ऊपर सावधानी से ग्रेवी डाल दें। लौकी के टुकड़े ग्रेवी में अच्छी तरह डूब जाने चाहिए। फिर इसे रोटी, परांठे, चावल किसी के भी साथ गरमा-गरम परोसें।