मानस मनोहर
सोया मैक्रोनी मिश्रण
बच्चों की भोजन संबंधी रुचियां बड़ों से भिन्न होती हैं। वे प्राय: थोड़ा चटपटा खाना पसंद करते हैं। मगर इस मौसम में चटपटा और मसालेदार खाना तो उनके पाचन को अव्यवस्थित कर सकता है। इसलिए अक्सर माता-पिता की चिंता रहती है कि ऐसा क्या खिलाएं, जो उन्हें पसंद आ जाए। इसलिए प्रोटीन से भरपूर एक ऐसा व्यंजन बनाना ठीक रहेगा, जो बच्चे चाव से खाएंगे।
मैक्रोनी बच्चों को खूब पसंद होती है। इसके साथ मुट्ठी भर सोयाबीन की वड़ियां और भरपूर हरी सब्जियों का इस्तेमाल करें और बनाएं सोया-मैक्रोनी मिश्रण। चटपटा और पोषण से भरपूर। इसे बनाना बहुत आसान है। झटपट तैयार हो जाता है। इतनी जल्दी कि जब तक बच्चा नहा-धोकर अएगा, तब तक गरमागरम परोसा जा सकता है।
इसे बनाने के लिए सबसे पहले एक भगोने में दो गिलास पानी गरम करें। उसमें दो बूंद घी टपकाएं और मुट्ठी भर मैक्रोनी डाल दें। एक बार चला लें, ताकि वे आपस में चिपकने न पाएं। जब पानी में उबाल आ जाए तो आंच बंद कर दें। अब इसमें मुट्ठी भर सोया चंक यानी सोयाबीन की वड़ियां डाल दें और हल्के से चला कर भगोने पर ढक्कन लगा दें। पांच-सात मिनट उसे ऐसे ही ढंका रहने दें।
इस बीच सब्जियां काट लें। इसके लिए एक मध्यम आकार का प्याज मोटे टुकड़ों चौकोर में कटा हुआ, चार-छह बीन्स, एक छोटी शिमला मिर्च चौकोर कटी हुई, एक गाजर बड़े टुकड़ों में कटा हुआ, एक हरा प्याज और दो हरी मिर्चें बीच से चीरी हुई ले लें। अगर चाहें तो थोड़ा पत्ता गोभी भी ले सकते हैं।
इन सब्जियों को अलग रख दें। मैक्रोनी और सोया चंक को छन्नी में छान लें। मैक्रोनी को अलग कर लें और सोया चंक को दोनों हाथों से दबा कर उसका पूरा पानी निचोड़ लें। अब कड़ाही में एक चम्मच तेल गरम करें। आंच तेज रखें। तेल गरम हो जाए, तो उसमें पहले सब्जियों को छौंक दें और चलाते हुए डेढ़ से दो मिनट तक पकाएं।
इसी में जरूरत भर का नमक, कुटी काली मिर्च, दो ढक्कन सफेद सिरका यानी वेनेगर डालें और अच्छी तरह चला लें। अब इसमें मैक्रोनी और सोया चंक डालें और चलाएं। फिर चार-पांच चम्मच या अधिक टमाटर सास डालें और चलाते हुए अच्छी तरह मिलाएं।
आंच धीमी कर दें और दो मिनट तक चलाएं। अगर आरेगेनो है, तो वह भी चौथाई चम्मच डाल दें, स्वाद और बढ़ जाएगा। इसे बच्चों को गरमागरम परोसें। न ज्यादा तेल, न मसाले और स्वाद भरपूर, पोषण पर्याप्त।
सूखा मंचूरियन
मंचूरियन भी बच्चों को बहुत पसंद आता है। यह दो रूपों में बनता है। एक, सूखा और दूसरा तरीदार यानी ग्रेवी वाला। तरीदार मंचूरियन को प्राय: नूडल्स या चावल के साथ खाया जाता है। सूखा मंचूरियन नाश्ते के रूप में परोसा जाता है। बच्चों को जब हल्की-फुल्की भूख हो तो भी मंचूरियन दे सकते हैं।
मंचूरियन बनाना बहुत आसान है। इसके गोले बना कर पहले से रखे जा सकते हैं और जब बनाना हो, तब सब्जियों के साथ इसे पका कर दिया जा सकता है। बाजार में मंचूरियन का मसाला मिलता है। चार-छह पैकेट लेकर हमेशा घर में रखें। इसका उपयोग कई तरीके से किया जा सकता है। न केवल मंचूरियन बनाने में, बल्कि सोया चंक, मैक्रोनी आदि के साथ भी इसका मेल कर सकते हैं। इसके साथ सब्जियां मिला कर पकाया जा सकता है।
बच्चे वैसे तो सब्जियां खाने में नाक-भौं सिकोड़ते हैं, पर जब उन्हें मंचूरियन मसाले के साथ परोसा जाएगा, तो चाव से खाएंगे। सूखा मंचूरियन बनाने के लिए पत्ता गोभी को कद्दूकस कर लें। उसके साथ एक गाजर भी कद्दूकस करें और कुछ पत्ते हरे प्याज के काट कर डालें। इसमें दो-तीन चम्मच मैदा डालें और जरूरत भर का नमक डाल कर अच्छी तरह गूंथ लें। इस मिश्रण की गोलियां तैयार करें। फिर कड़ाही में तेल गरम करें और इन गोलियों को सुनहरा होने तक मध्यम आंच पर तल लें। इन गोलियों को अलग रखें।
एक पैन में डेढ़ कप पानी डालें, उसमें दो चम्मच मंचूरियन मसाला घोलें और आंच पर चढ़ा दें। पांच मिनट तक पकाएं और आंच बंद कर दें।
अब एक हरा प्याज, एक सूखा प्याज, एक गाजर, आधा शिमला मिर्च बड़े-बड़े आकार में काटें। कड़ाही में एक चम्मच तेल गरम करें।
आंच तेज रखें और उसमें सब्जियों को छौंक दें। एक से डेढ़ मिनट तक चलाते हुए पकाएं। फिर इसमें दो चम्मच वेनेगर डालें और मिला लें। फिर उबला हुआ मंचूरियन मसाला और एक चम्मच टमाटर सास डालें और अच्छी तरह मिला लें। अब तली हुई मंचूरियन की गोलियां डालें और चलाते हुए सूखने तक पकाएं।
ध्यान रखें कि इसका रसा पूरी तरह नहीं सूखना चाहिए। लटपटा रखें, क्योंकि कड़ाही से निकलने के बाद भी मंचूरियन की गोलियां रसा सोखती हैं। आंच बंद कर दें। मंचूरियन को प्लेट में निकालें और ऊपर से हरे प्याज का पत्ता काट कर बुरकें और परोसें। पोषण से भरपूर चटपटा व्यंजन बच्चों के लिए तैयार है।