मानस मनोहर
सोया चाप
सोयाबीन में भरपूर पोषक तत्त्व होते हैं। बढ़ते बच्चों को इससे पर्याप्त प्रोटीन मिलता है। सोयाबीन को कई तरीके से खाया जा सकता है। हालांकि सोयाबीन की वड़ियां भी सबको पसंद आती हैं। मगर आजकल बच्चों और युवाओं को सोया चाप बहुत पसंद आता है। बाजार में यह हर कहीं मिल जाता है और बच्चे इसे बड़े चाव से खाते हैं। मगर फिर वही बात कि जब घर में बेहतर तरीके से बनाया जा सकता है, तो बाजार का बना भोजन खाएं ही क्यों।
सोया चाप बनाना बिल्कुल कठिन काम नहीं है। एक बार इसका तरीका पता चल जाए, तो जब मन करे, इसे घर पर झटपट बनाया जा सकता है। इसके लिए बाजार से ताजा सोया चाप लेना चाहिए। हालांकि बाजार में सोया वड़ियों की तरह सूखा चाप भी पैकेट में उपलब्ध होता है और बहुत सारे लोगों को वही खाना पसंद आता है। मगर उसमें वह लज्जत नहीं होती, जो ताजा सोया चाप में होती है।
ताजा सोया चाप भी आजकल हर जगह पैकेट में बंद मिल जाता है। इसे फ्रिजर में रखा जाता है, इसलिए इसको सामान्य तापमान पर लाने के बाद ही इस्तेमाल करना चाहिए। सामान्य होने के बाद खींच कर सोया चाप की डंडियों को बाहर निकाल दें और चाप को तीन से चार इंच मोटे छोटे टुकड़ों में काट लें। कड़ाही में तेल गरम करें और उसमें इन टुकड़ों को थोड़ी देर तल लें, ताकि इसकी परतें खुल जाएं। ज्यादा देर न तलें, नहीं तो कड़े हो जाएंगे।
इन तले हुए सोया चाप को एक बड़े कटोरे में रखें। उसमें एक कटोरी फेंटा हुआ दही, एक छोटा चम्मच कुटी लाल मिर्च, एक चम्मच गरम मसाला और आधा चम्मच नमक डाल कर अच्छी तरह मिलाएं ताकि सारी सामग्री सोया चाप के हर टुकड़े पर चिपक जाए। अब इसे ढंक कर रख दें और तब तक इसकी तरी की तैयारी कर लें।
इसके लिए भी तरी वैसे ही बनती है जैसे पनीर आदि दूसरी तरीदार सब्जियों के लिए। दो से तीन प्याज और इतने ही टमाटर लें। साफ कर इन्हें मोटा-मोटा काट लें। एक या दो हरी मिर्च, दो से तीन इंच अदरक और दस-बारह लहसुन की कलियां भी साफ कर काट लें। अगर लहसुन नहीं खाते तो छोड़ भी सकते हैं। इसमें छह-सात काजू के दाने डालें, तो तरी में चमक आती, रंग निखरता और तरी गाढ़ी बनती है।
कड़ाही में दो-तीन चम्मच तेल गरम करें। उसमें एक तेजपत्ता, छोटा टुकड़ा दालचीनी, जीरा, सौंफ और साबुत धनिये का तड़का तैयार करें और उसमें पहले प्याज, लहसुन डालें और अच्छी तरह चलाने के बाद टमाटर, अदरक, काजू और मिर्च भी डाल दें। सारी चीजों को अच्छी तरह चला कर आंच मध्यम कर दें और कड़ाही को ढंक दें। दस से बाहर मिनट पकने दें।
टमाटर-प्याज पक कर नरम हो जाएं तो आंच बंद करें और उसमें से दालचीनी और तेजपत्ता बाहर निकाल दें। बाकी सामग्री को मिक्सर में अच्छी तरह पीस कर पेस्ट बना लें। फिर जिस कड़ाही में प्याज-टमाटर पकाया था उसी में इस पेस्ट को डाल कर चलाते हुए पकाएं।
जब पेस्ट पक कर सिकुड़ने लगे तो उसमें एक छोटा चम्मच गरम मसाला, थोड़ा हल्दी पाउडर, कश्मीरी मिर्च पाउडर और एक चम्मच धनिया पाउडर डाल कर अच्छी तरह चलाएं। फिर जिस मिक्सर में पेस्ट तैयार किया था, उसमें आधा गिलास पानी डाल कर खंगालें और मिश्रण में डाल कर चलाएं।
जैसे ही उबाल आने लगे, उसमें सोया चाप डालें और अच्छी तरह मिलाने के बाद कड़ाही पर ढक्कन लगा दें। अगर पानी कम लग रहा है, तो और डाल सकते हैं। दस मिनट तक पकने दें। तरी को गाढ़ी ही रखें। सोया चाप तैयार है। धनिया पत्ता, मिर्च और अदरक लच्छे से सजा कर रोटी के साथ गरमा-गरम परोसें।
वड़ा पाव
वड़ा पाव यों तो महाराष्ट्र का लोकप्रिय व्यंजन है, मगर आजकल हर कहीं बनाया और खाया जाता है। इसे बनाने में कोई खास कौशल की जरूरत नहीं होती। पकौड़े तो हर घर में बनते ही हैं। आलू के बोंडे भी बनते हैं। इन्हीं को पाव के बीच में रख कर परोसा जाता है।
मगर महाराष्ट्र में बनने वाले वड़ा पाव में मसाले कुछ अलग इस्तेमाल होते हैं, इसलिए इसका स्वाद सामान्य आलू बोंडे से अलग होता है। इसमें मूंगफली और लहसुन का उपयोग अधिक होता है।
पाव तो हर जगह बाजार में मिल जाता है। इसमें केवल वड़े बनाने की तैयारी करनी पड़ती है। ये वड़े आलू के ही बनते हैं, इसलिए पांच-छह सामान्य आकार के आलू उबाल लें। उन्हें छील कर तोड़ लें और ठंडा होने दें। इस बीच इसके तड़के की तैयारी कर लें।
इसके तड़के में अदरक और लहसुन का इस्तेमाल होता है। लहसुन की मात्रा अधिक रखें। अदरक और लहसुन को कूट कर पेस्ट तैयार कर लें। इसके अलावा इसमें आधा मुट्ठी कच्ची मूंगफली भी पड़ेगी, उसे खरल में डाल कर तोड़ लें और छिलका हटा दें।
अब एक कड़ाही में दो चम्मच तेल गरम करें। उसमें एक छोटा चम्मच राई डाल कर तड़काएं फिर, एक छोटा चम्मच मूंग या उड़द की दाल और तोड़ी हुई मूंगफली के दाने डालें। जब इनका रंग बदलने लगे, तो आठ-दस कढ़ी पत्ते डालें और फिर लहसुन-अदरक पेस्ट डाल कर चलाएं।
लहसुन जलने न पाए, तोड़े हुए आलू डालें और चम्मच से दबा कर उन्हें और तोड़ लें। अब आधा छोटा चम्मच कुटी लाल मिर्च, एक चम्मच धनिया पाउडर, आधा चम्मच गरम मसाला और जरूरत भर का नमक डाल कर इसे चलाते हुए मिलाएं। ध्यान रखें कि आलू के बड़े टुकड़े न रहने पाएं। जब मसाला अच्छी तरह आलू में रच-बस जाए तो आंच बंद कर दें। अब बेसन का गाढ़ा घोल तैयार करें।
बेसन को जितना फेटेंगे, उतना ही मुलायम वड़े बनेंगे। ध्यान रखें कि बेसन का घोल पतला न रहे, नहीं तो वड़े फटेंगे। अब आलू को थोड़ा-थोड़ा लेकर हथेलियों पर रखें और नीबू के आकार की गोलियां बना लें।
कड़ाही में भरपूर तेल गरम करें। आलू की गोलियों को बेसन के घोल में डुबोएं और तेल में डाल कर वड़े तल लें। इसके बाद एक गांठ लहसुन, दो-तीन साबुत लाल मिर्च, मुट्ठी भर कच्ची मूंगफली और आधा छोटा चम्मच नमक डाल कर मिक्सर में दरदरा पीस लें।
इस चटनी को पाव के दोनों हिस्सों पर लगाएं और उनके बीच वड़ा रखें। वड़े के साथ तली हुई हरी मिर्चें रखें तो स्वाद और बढ़ जाता है। इसके साथ अपने मुताबिक प्रयोग भी कर सकते हैं।