मानस मनोहर
कच्चा केला कुरकुरा
पका हुआ केला तो फल के रूप में हर कोई खाता है, मगर कच्चे केले की सब्जी बहुत सारे लोग इसलिए नहीं बनाते कि उन्हें इसकी विधि नहीं पता होती। कच्चे केले की कई तरह से सब्जी बनती है। कोफ्ते के रूप में भी, तरीदार भी और सूखी सब्जी के रूप में भी। कच्चे केले में स्वास्थ्य की दृष्टि से अनेक पोषक तत्त्व होते हैं। खासकर पाचन की दृष्टि से केले की सब्जी बहुत मुफीद होती है। इसलिए हफ्ते में कम से कम एक दिन तो इसकी सब्जी अवश्य खानी चाहिए।
केले की सूखी सब्जी पकाना बहुत आसान है। लोग तरह-तरह से इसकी सब्जी बनाते हैं। कई लोग इसे छील और काट कर सीधे छौंक कर पका लेते हैं। मगर इसे मजेदार बनाना है, तो थोड़ी मेहनत करें और फिर देखें इसका स्वाद। बच्चे तो बार-बार इसे बनाने को कहेंगे। अगर भोजन के साथ इसे न खाना चाहें, तो चाय के साथ भी नाश्ते के रूप में खा सकते हैं।
इसे बनाने के लिए अपको करना यह है कि तीन-चार कच्चे केले लें। धोकर इनका छिलका उतार लें। फिर एक इंच की मोटाई में गोल-गोल टुकड़े काट लें। फिर एक कड़ाही में सरसों या कोई भी खाने का भरपूर तेल गरम करें। हमें केले के टुकड़ों को तलना है, इसलिए तेल की मात्रा का ध्यान रखें। जब तेल अच्छी तरह गरम हो जाए, तो केले के टुकड़े उसमें डाल कर तेज आंच पर आधा पकने तक तल लें। तेज आंच इसलिए कि केले का ऊपरी हिस्सा जल्दी सख्त हो जाए और भीतर का हिस्सा अधपका रहे। फिर इन्हें बाहर निकाल कर एक प्लेट में रखें। इन तले हुए टुकड़ों के ऊपर एक छोटा चम्मच आमचूर पाउडर, आधा चम्मच नमक, आधा छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर, एक छोटा चम्मच धनिया पाउडर डालें और अच्छी तरह मिला लें, ताकि सारे मसाले केले के सारे टुकड़ों पर अच्छी तरह चिपक जाएं।
जब केले के टुकड़े थोड़े ठंडे हो जाएं तो एक-एक टुकड़े को लें और चकले या चापिंग बोर्ड पर रख कर कटोरी या गिलास से दबा कर चपटा करते जाएं। फिर कड़ाही का तेल निकाल लें और करीब एक चम्मच छोड़ दें। उसे गरम करें और मेथी दाना, जीरा और सौंफ का तड़का दें। तड़का तैयार हो जाए, तो केले के टुकड़ों को डालें और मध्यम आंच पर खुली कड़ाही में सिंकने दें।
मसाले हमने पहले ही डाल दिए हैं। नमक चख लें, अगर कम हो, तो और डाल सकते हैं। जब केले के टुकड़े थोड़े सख्त हो जाएं, तो आंच बंद कर दें। ऊपर से आधा छोटा चम्मच चाट मसाला छिड़कें और सब्जी को कड़ाही से बाहर निकाल लें। पुदीने के पत्ते बारीक-बारीक काटें और इसके ऊपर डाल कर सजाएं। कच्चे केले की यह सब्जी दाल-चावल या दाल-रोटी के साथ मजेदार स्वाद देती है। यों भी अगर तरीदार सब्जियां बना रखी हैं, तो उनके साथ इसका मेल अच्छा रहेगा। कभी नाश्ते के रूप में चाय के साथ भी खा सकते हैं।
जीरा आलू
सब्जियां चाहे जितनी भी बना लें, जितने भी तरीके से और जितनी लज्जतदार बना लें, पर जीरा आलू का आकर्षण अलग ही होता है। यह सब्जी देश के हर हिस्से में खाई जाती है। इसीलिए रेस्तरां आदि की भोजन सूची में भी जीरा आलू अवश्य दर्ज होता है। घरों में अगर पूड़ी बन रही है, तो जीरा आलू की सब्जी जरूर परोसी जाती है। यों दाल-चावल के साथ भी इसका मेल अच्छा रहता है। परांठे या रोटी के साथ भी इसकी संगत अच्छी बैठती है। हालांकि इसमें भी वही आलू होता है, जो रोजमर्रा हम खाते हैं, पर इसमें पड़ने वाले मसाले और बनाने का तरीका इसे मजेदार बनाता है।
जीरा आलू बनाना बहुत ही आसान है। झटपट बन जाने वाली सब्जी है। अगर पहले से उबाल कर आलू रखे हों, तो पांच-सात मिनट से अधिक समय नहीं लगता। इसके लिए पांच-छह बड़े आकार के आलू उबाल लें। ध्यान रखें कि आलू ज्यादा न उबलें, उबल कर पिलपिले न हों। थोड़े सख्त रहें, क्योंकि इन्हें बाद में भी पकाना है। उबले आलुओं को छील कर बड़े-बड़े टुकड़ों में काट लें। जीरा आलू में टुकड़े बड़े ही अच्छे लगते हैं। इसके तड़के के लिए दो हरी मिर्च बीच से चीर कर बारीक-बारीक काट लें। दो इंच जितना बड़ा टुकड़ा अदरक का भी महीन-महीन काटें।
अब एक कड़ाही में एक चम्मच सरसों का तेल गरम करें। उसमें एक खाने के चम्मच बराबर जीरे का तड़का दें। अगर इसे अचारी स्वाद देना चाहते हैं, तो आधा छोटा चम्मच सौंफ और कलौंजी भी तड़के में डाल सकते हैं। तड़का तैयार हो जाए, तो उसमें कटी हुई अदरक और हरी मिर्च छौंकें और पांच सेकेंड के लिए चलाते हुए तलें। फिर एक छोटा चम्मच अमचूर पाउडर, आधा छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर, एक छोटा चम्मच धनिया पाउडर और आधा छोटा चम्मच गरम मसाला पाउडर डालें।
सारे मसालों को पांच सेकेंड के लिए भूनें और फिर खाने के चम्मच बराबर चार चम्मच पानी डालें, ताकि मसाले जलने न पाएं। फिर जरूरत भर का नमक डालें और कटे हुए आलू डाल दें। आंच मध्यम रखें। अच्छी तरह चलाते हुए मसालों को आलू के टुकड़ों पर चिपक जाने दें। कड़ाही पर ढक्कन लगा दें और तीन से चार मिनट के लिए पकने दें। फिर आंच बंद कर दें। जीरा आलू तैयार है। ल्ल