मानस मनोहर
हमारा पाचनतंत्र हमारी भौगोलिक स्थितियों के मुताबिक विकास करता है, इसलिए उसमें तापमान और वातावरण का बहुत योगदान होता है। इस बार इस मौसम की कुछ चीजों से गुणकारी व्यंजन।
कटहल का कोफ्ता
टहल सब्जी भी है और फल भी। यह हमारे देश के लगभग हर हिस्से में मिल जाता है। समुद्र तटीय इलाकों में तो बारहों महीने इसकी पैदावार होती है। इसलिए कि कटहल और आम में फूल लगने के लिए वातावरण में अठारह से बीस डिग्री सेंटीग्रेड का तापमान बीस दिनों तक लगातार बने रहना चाहिए। समुद्री इलाकों में साल भर इतना तापमान रहता है।
मगर समुद्री इलाकों के कटहल और मैदानी इलाकों में पैदा होने वाले कटहल के स्वाद में बहुत अंतर होता है। मैदानी इलाकों में कटहल के फल इस मौसम में आने शुरू होते हैं। अभी बहुत छोटे और गठे हुए फल आ रहे हैं। उसकी सब्जी बहुत स्वादिष्ट बनती है। इसलिए जहां तक हो सके, इस मौसम में कटहल मैदानी हिस्से में उगे हुए ही खरीदने चाहिए। दरअसल, कटहल की सब्जी खाने का यही मौसम उपयुक्त है।
कटहल की सब्जी तो प्राय: सभी घरों में बनती है, मगर इस मौसम में उसके कोफ्ते बना कर खाएं, बहुत स्वादिष्ट होते हैं। कटहल के कोफ्ते बनाने का तरीका भी प्राय: वही है, जो अन्य सब्जियों से बनाने का है। कटहल की सब्जी बनाने में सबसे अधिक झंझट आती है उसका छिलका उतारने में, क्योंकि उसका लसलसापन हाथों को पकड़ लेता है और उसे छुड़ाने में काफी वक्त लगता है। मगर हाथों में भरपूर सरसों का तेल लगा कर छिलका उतारें, तो लसलसापन नहीं पकड़ेगा। कटहल को छीलने के बाद उसके छोटे टुकड़े काट लें और फिर एक कुकर में एक गिलास पानी और आधा चम्मच नमक डाल कर नरम होने तक उबाल लें। कुकर की दो सीटी पर्याप्त होगी।
अब इन उबले हुए कटहल के टुकड़ों को हाथों से दबा कर मसल लें। उसमें दो चम्मच बेसन, जरूरत भर का नमक, लाल मिर्च पाउडर, गरम मसाला और कुछ कटी हुई हरी मिर्चें डाल कर अच्छी तरह गूंथ लें। बेसन की मात्रा इतनी ही रखें, जिससे कटहल के कोफ्ते बनाए जा सकें। ज्यादा बेसन मिलाने से स्वाद खराब हो सकता है। बेसन की जगह ब्रेडक्रम का भी उपयोग कर सकते हैं। इस मिश्रण को गोल-गोल कोफ्ते का आकार दें और तेल में मध्यम आंच पर सुनहरा होने तक पलटते हुए तल लें।
इसके बाद बारी आती है तरी बनाने की। इसकी तरी आप प्याज-टमाटर-लहसुन वाली ही बनाएं, तो स्वाद अच्छा आता है। इसमें दही वाली तरी से अच्छा स्वाद नहीं आता। तरी बनाने के लिए दो-तीन मध्यम आकार के प्याज, दो-तीन टमाटर और दस-बारह लहसुन की कलियां ले लें। इसमें डालने के लिए आठ-दस काजू भी ले लें। कड़ाही में दो तीन चम्मच सरसों तेल और एक चम्मच घी साथ में गरम करें।
उसमें खड़ा धनिया, जीरा, छोटी दालचीनी, एक तेजपत्ता और कुछ दाने काली मिर्च के तड़काएं और उसमें कटा हुआ प्याज, टमाटर, लहसुन और काजू को छौंक दें। थोड़ा नमक और चुटकी भर हल्दी पाउडर डाल कर अच्छी तरह मिलाएं और ढक्कन लगा कर मध्यम आंच पर नरम होने तक पकाएं। फिर ठंडा करके मिक्सर में पीस लें। पीसते वक्त दालचीनी और तेजपत्ता को बाहर निकाल सकते हैं।
कड़ाही में दो खाने के चम्मच बराबर तेल गरम करें। जीरे का तड़का दें और उसमें पिसे हुए टमाटर-प्याज के मिश्रण को डाल कर धीमी आंच पर चलाते हुए तेल छोड़ने तक पकाएं। अब इसमें गरम मसाला, नमक और लाल मिर्च पाउडर डाल कर एक गिलास पानी डालें और ढक्कन लगा दें। उबाल आने दें। पांच से सात मिनट बाद आंच बंद कर दें। तले हुए कोफ्ते अलग बर्तन में रखें और उनके ऊपर यह तरी डाल कर ढक्कन लगा दें। इसे सजाने के लिए अदरक के लच्छे, हरी मिर्च और धनिया पत्ता डालें। थोड़ी-सी फ्रेश क्रीम भी डाल सकते हैं। गरमा-गरम परोसें।
पत्तागोभी की चटनी
मतौर पर पत्तागोभी का उपयोग सब्जी और सलाद के रूप में किया जाता है। मगर इसकी चटनी भी बेहद स्वादिष्ट बनती है। कभी-कभी चीजों का रूप बदल देने से भी उनका स्वाद बदल जाया करता है। भोजन का आनंद हम केवल जिह्वा से नहीं लेते, उसे देख कर भी लेते हैं। इस तरह पत्तागोभी की चटनी रोजमर्रा के भोजन में विविधता लाने के लिए उपयुक्त व्यंजन है।
जिन लोगों को पत्तेदार सब्जियां चबाने या पचाने में परेशानी होती है, उनके लिए पत्तागोभी की चटनी खाने में बहुत आसानी होती है। यह कहने को चटनी है, मगर सब्जी का विकल्प भी है, जिसे दाल-चावल, रोटी, परांठे के साथ खा सकते हैं। पत्तागोभी इस मौसम में ही खाना बेहतर होता है। यह इसी मौसम की सब्जी है, इसलिए इसे अलग-अलग रूपों में बना कर खा सकते हैं। पत्तागोभी की चटनी बनाना बहुत आसान है। इसके लिए बहुत अधिक सामग्री की जरूरत भी नहीं पड़ती।
पत्तागोभी के अलावा कुछ हरी मिर्चें और आठ-दस लहसुन की कलियां चाहिए। पत्तागोभी को धोकर मोटा-मोटा काट लें। लहसुन और हरी मिर्च को भी मोटा-मोटा काट लें। अब एक कड़ाही में दो चम्मच सरसों का तेल गरम करें। उसमें साबुत धनिया, जीरा और सौंफ का तड़का दें और पत्तागोभी के साथ ही लहसुन और हरी मिर्चों को भी छौंक दें। जरूरत भर का नमक, चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर और एक चम्मच कुटी लाल मिर्च डाल कर अच्छी तरह मिलाएं और फिर ढक्कन लगा कर आंच को मध्यम कर दें।
गोभी के पत्तों को नरम होने तक पकने दें। इसमें करीब पांच मिनट लगेंगे। पांच मिनट बाद आंच को बंद कर दें, सब्जी को एक बार चला कर फिर से ढक्कन लगा कर पांच मिनट के लिए छोड़ दें। सब सब्जी थोड़ी ठंडी हो जाए तो उसे मिक्सर में डालें और पीस लें। चटनी तैयार है।