मानस मनोहर
बैगन भजिया
बैगन एक ऐसी सब्जी है, जो दुनिया में हर कहीं पाई और खाई जाती है। इसलिए कृषि वैज्ञानिकों ने इसकी कई प्रजातियां भी विकसित की हैं। इस मौसम में बैगन की खूब पैदावार होती है। दरअसल, बैगन सर्दी की ही सब्जी है। इसे कई तरह से पकाया जाता है। मगर पकौड़े के रूप में इसे कम ही लोग खाते हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, असम और ओड़ीशा में बैगन के पकौड़े खूब पसंद किए जाते हैं। बंगाल में तो बेगुन भाजा काफी लोकप्रिय है। बिहार में बैगन का बजका बनता है। मगर बैगन को सामान्य पकौड़े की तरह भी खाया जा सकता है। महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में इसे भजिया कहते हैं।
बैगन भजिया का स्वाद प्याज, आलू, गोभी आदि के पकौड़ों से अलग और लाजवाब होता है। बैगन भजिया बनाना बहुत आसान है। इसे भी उसी तरह बनाते हैं, जैसे गोभी, आलू, प्याज आदि के पकौड़े बनाते हैं। इसके लिए बैगन आप चाहें तो बड़े आकार का गोल भी ले सकते हैं, पर लंबे वाले बैगन की भजिया देखने में भी सुंदर लगती है। अगर गोल वाला बैगन ले रहे हैं, तो उसे गोल आकार में काट सकते हैं। मोटाई एक इंच से अधिक न रखें, इस तरह बैगन जल्दी पक जाता है और उसका गूदा बेसन के साथ लगभग घुल-मिल जाता है। लंबे वाले बैगन को भी लंबाई के आकार में ही काटें और इससे अधिक मोटाई न रखें। यानी एक लंबे बैगन में तीन से चार टुकड़े बन सकते हैं।
काटने के बाद एक कटोरी में आधा चम्मच हल्दी पाउडर, आधा चम्मच बारीक पिसी लाल मिर्च, एक चम्मच धनिया पाउडर और आधा चम्मच नमक डाल कर अच्छी तरह मिला लें। इस मिश्रण से एक चुटकी मसाला निकाल कर बैगन के हर टुकड़े के दोनों तरफ डालें और अच्छी तरह फैला लें। अब इन टुकड़ों को ढंक कर अलग रख दें।
अब एक बड़े कटोरे में बैंगन की मात्रा के मुताबिक बेसन लें। यानी बेसन की मात्रा इतनी रखें कि सारे बैगन उसमें डुबोए जा सकें। बेसन में चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर, आधा चम्मच लाल मिर्च पाउडर, आधा चम्मच गरम मसाला, चौथाई चम्मच हींग पाउडर, जरूरत भर का नमक और एक चम्मच अजवाइन हथेली पर रगड़ कर डालें।
सारी सामग्री को मिला लें। थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए लगातार कमसे कम पंद्रह मिनट क फेंटते हुए गाढ़ा घोल तैयार करें। ध्यान रहे कि घोल पतला नहीं होना चाहिए, नहीं तो बैगन पर चढ़ेगा नहीं और तलते समय बह कर तेल में चला जाएगा। इस तरह पकौड़े का मजा किरकिरा होगा। फेंटने में कंजूसी कतई न करें, जितना फेटेंगे, उतना ही पकौड़ा अच्छा बनेगा।
कड़ाही में तलने के लिए भरपूर तेल गरम करें। तलने के लिए सरसों का तेल अच्छा रहता है। अगर यह पसंद न हो तो मूंगफली आदि का तेल भी ले सकते हैं। जब तेल अच्छी तरह गरम हो जाए, तो आंच मध्यम कर दें। अब बैगन के एक एक टुकड़े को पकड़ कर बेसन के घोल में डुबाएं और दोनों तरफ अच्छी तरह परत चढ़ जाने के बाद तेल में डालते जाएं। इस तरह सारे बैगन को तल लें। बैगन भजिया तैयार है। गरमागरम परोसें। इसके साथ हरी मिर्च, धनिया और लहसुन की चटनी अच्छी लगती है। चाहें तो, टमाटर सास तो सदाबहार चटनी है ही, उसके साथ खा सकते हैं।
मिर्ची वड़े
मिर्च का नाम सुनते ही कई लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। मगर मिर्च से डरने की जरूरत नहीं। मिर्च में कैल्शियम होता है, इसे खाने से दर्द सहन करने की क्षमता बढ़ती है। लाल मिर्च बेशक कम खाएं, पर हरी मिर्च का इस्तेमाल तो भोजन में किसी न किसी रूप में होना ही चाहिए। मिर्च की जितनी किस्में दुनिया भर में पाई जाती हैं, उतनी किसी सब्जी की नहीं पाई जाती।
इन्हीं में एक किस्म होती है सुंदरी मिर्च की। यह आकार-प्रकार में कुछ लंबी और खासी मोटी होती है। इसकी सब्जी भी बनती है और अचार भी। पकौड़े के लिए इसी मिर्च का उपयोग किया जाता है। राजस्थान में इसके पकौड़े खासे लोकप्रिय हैं। खाने के साथ इसे सलाद के रूप में भी परोसा जाता है। पर इसके वड़े यानी पकौड़े लाजवाब बनते हैं।
मिर्च के पकौड़े बनाना भी कोई मशक्कत का काम नहीं। इसके लिए मोटी वाली मिर्च लें। धोकर अच्छी तरह पोंछ लें। फिर सबसे पहले दांतेदार चाकू से हल्के हाथों से इसके ऊपर हिस्से को खुरच लें। छीलने का प्रयास न करें, केवल खुरच लें। इसलिए इस तरह इन पर बेसन अच्छी तरह चिपक जाता है। फिर एक तरफ से लंबाई में चीरा लगाएं और सारा बीज बाहर निकाल दें।
मिर्च का तीखापन उसके बीज में ही होता है। फिर, मिर्च का बीज चबाने में नहीं आता, इसलिए उसके आंतों में चिपक कर परेशानी पैदा करने का खतरा रहता है। इसलिए जब भी किसी मिर्च का उपयोग करें, तो उसका बीच निकालने का प्रयास करें। इस तरह अधिक मात्रा में मिर्च खाई जा सकती है और सब्जी वगैरह में तीखापन भी नहीं रहेगा। इसी तरह सारी मिर्चों का खोखल तैयार करके अलग रख लें
अब इसकी भरावन तैयार करें। आमतौर पर इसमें आलू की भरावन तैयार की जाती है। आप चाहें, तो इसमें पनीर का उपयोग भी कर सकते हैं। दो उबले आलू कद्दूकस कर लें, इतनी ही मात्रा में पनीर भी कद्दूकस करें। थोड़ा हरा धनिया, अदरक और कुछ हरी मिर्चें बारीक काट कर इसमें डालें। फिर जरूरत भर का नमक और आधा चम्मच गरम मसाला डाल कर अच्छी तरह मसल कर सारी सामग्री को मिला लें।
खोखल की हुई मिर्चों में यह भरावन डाल कर अच्छी तरह बंद करें। फिर जिस तरह ऊपर हम बैगन भाजा के लिए बेसन का घोल तैयार करने की बात कर चुके हैं, उसी तरह इसके लिए भी घोल तैयार करें और उसमें भरी हुई मिर्चों को लपेट कर तेल में तल लें। हरी मिर्च के वड़े तैयार हैं। गरमागरम परोसें।