गीत: दीवाली अव्वल नंबर, लहरें लहरें, चिड़िया चिड़िया
जनसत्ता अखबार में प्रकाशित गीत।

दीवाली अव्वल नंबर
रॉकेट उड़े हजारों में पहुंचे दूर सितारों में
कौन जलेगा देर तलक है अब होड़ अनारों में
हैं मिठाइयों के पैकेट चहल पहल बाजारों में
आज लड़ाई छिड़ी हुई अंधियारों उजियारों में
जगमग जगमग टिमटिमटिम दीपक सजे कतारों में
दीवाली अव्वल नंबर है सारे त्योहारों में।
सूर्यकुमार पांडेय
लहरें लहरें
उछल पुछल कर
लहरें आती
उछल पुछल
कर जाती।
इनके ऊपर नावें आतीं
लहर लहर लहराती।
बहुत दूर तक जाती ।
ऊपर ऊपर बदली छाती
तेज हवा है आती।
लहरें हिलती नावें हिलती
रहती हैं लहराती।
चिड़िया चिड़िया
ऊपर ऊपर
गई पेड़ पर
चिड़िया देखो
चहकी
उतर वहां से
नीचे आई
कली खिली है
महकी ।
पंख पसारे फिर जाती है
उड़ना उसको भाता
चिड़िया चिड़िया तुम्हें देखकर
मन कितना सुख पाता।
प्रयाग शुक्ल
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