शनि देव इंसान को उसके कर्मो के अनुसार फल देते हैं, शनि देव को न्यायप्रिय, कर्म फलदाता माना जाता है। शनि देव जब किसी से नाराज हो जाते हैं तो उसे कठोर दंड देते हैं। जिस भी किसी व्यक्ति पर शनि की कृपा हो जाए वह रंक से राजा बन सकता है और जिससे शनि देव नाराज हो जायें वह व्यक्ति राजा से रंक बन सकता है। शनि दोष से मुक्ती के लिए शनि जयंती से अच्छा दिन नहीं हो सकता है। इस दिन की जाने वाली भक्ति से शनि देव बेहद ही प्रसन्न हो जाते हैं। तभी तो कर्मफलदाता शनि देव की जयंती का उनके भक्तों को इंतजार रहता हैं। क्योंकि यह एक ऐसा अवसर होता है, जब कोई भी इंसान शनि देव की आराधना करके उन्हें प्रसन्न कर सकता है।
शनि जयंती पर शुभ मुहूर्त
जनसत्ता डॉट कॉम से खास बातचीत में दिल्ली के न्यूमेरोलॉजिस्ट सिद्धार्थ एस कुमार ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनाते हैं। इस दिन शनि देव ने जन्म लिया था, इसलिए इसे शनि जयंती के रूप में जाना जाता है। इस साल की शनि जयंती 29 मई से शुरू होगी। इसका शुभ मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 54 मिनट पर प्रारंभ होगा। अगले दिन 30 मई मंगलवार को शाम 4 बजकर 59 मिनट पर शुभ मुहूर्त समाप्त होगा। सूर्य उदय के आधार पर इस साल शनि जयंती 30 मई सोमवार को मनाई जाएगी। इस दिन व इस शुभ मुर्हत के दौरान शनि देव की भक्ति एवं आराधना करने से यह बेहद फलदायक साबित होगी।
इन राशियों के लिए खास रहेगी शनि जयंती
कर्क और वृश्चिक राशी वालों पर इस समय शनि ढैय्या चल है, वहीं मकर, कुंभ और मीन वालों पर शनि साढ़े साती का प्रकोप है। ऐसे में शनि जयंती का दिन इन राशियों के लोगों के लिए बेहद खास होने वाला है, क्योंकि इस दिन शनि की साढ़े साती और ढैय्या से पीड़ित जातक अगर सच्चे मनोभाव से पूजा-पाठ करेंगे तो उन्हें विशेष फल मिलेगा। इस दिन शनि की सच्चे मन से आराधना करने के साथ कुछ विशेष उपाय कर सकते हैं, ऐसा करने से उस व्यक्ति पर शनि की बुरी दृष्टि नहीं पड़ती है।
हिंदू संस्कृति में शनि देव का एक अलग ही महत्व है, वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव मकर राशि व कुम्भ राशि के स्वामी हैं। आज अंक ज्योतिषी सिद्धार्थ एस. कुमार से जानेंगे कि शनि जयंति पर शनि देव की आराधना कैसे करें। जनसत्ता डॉट कॉम से खास बातचीत में न्यूमेरोलॉजिस्ट सिद्धार्थ एस कुमार ने बताया कि शनि जयंती के दिन कुछ विशेष उपाय करके जातक शनि देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं:
- इस दिन शिवजी का काले तिल मिले हुए जल से अभिषेक करना चाहिए। इससे शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
- हकीक की माला पर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें, महामृत्युंजय मंत्र की 11 मालाएं जपें।
- शनि यंत्र का निर्माण करके अष्टधातु की ताबीज को धारण करें।
- इस दिन शनि देव को अपराजिता के फूलों की माला चढ़ाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं।
- राजा दशरथकृत शनि स्तोत्र का 21 बार पाठ करें।
क्या खास संयोग लेकर आ रही है इस बार की शनि जयंती?
न्यूमेरोलॉजिस्ट सिद्धार्थ एस कुमार ने बताया की इस साल शनि जयंती पर एक बेहद खास संयोग बन रहा है जो कि पूरे 30 साल बाद बनने जा रहा है। इस साल शनि देव अपनी प्रिय राशि कुम्भ राशि में विराजमान रहेंगे। इसके अलावा इसी दिन सवार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। इसके साथ ही शनि जयंती के दिन ही सोमवती अमावस्या और वट सावित्री का व्रत भी रखा जाएगा। इसलिए इस दिन शनि देव की पूजा करने वाले को कई गुना अधिक लाभ प्राप्त होंगे।