पूजा-पाठ में क्यों किया जाता है धूप और अगरबत्ती का इस्तेमाल, जानिए
पूजा-पाठ में धूप जलाने को लेकर ऐसी मान्यता है कि इससे वातावरण में पवित्रता आती है। कहते हैं कि ऐसी जगहों से बुरी शक्तियां दूर हो जाती हैं और वहां पर देवी-देवताओं का आगमन होता है।

हिंदू धर्म में होने वाले तमाम पूजा-पाठ में आपने धूप और अगरबत्ती का इस्तेमाल होते देखा होगा। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर पूजा में इनका इस्तेमाल क्यों किया जाता है। यदि नहीं तो आज हम आपको इस बारे में विस्तार से बताने वाले हैं। सामान्य तौर पर ऐसा भी कहा जाता है कि धूप और अगरबत्ती के बिना कोई भी पूजा पूरी ही नहीं होती। दरअसल धूप और अगरबत्ती के पूजा में लगभग अनिवार्य हो जाने के पीछे कुछ महत्वपूर्ण वजहें हैं। कहते हैं कि पूजा स्थल पर अगरबत्ती जलाने से वातावरण में सकारात्मकता आती है। इससे वहां की समस्त नकारात्मक ऊर्जाएं दूर हो जाती हैं और माहौल खुशनुमा हो जाता है। ऐसे में भक्त बड़ी आसानी के साथ भगवान की भक्ति में अपना मन लगा पाते हैं।
ऐसा भी कहा जाता है कि जिस घर में नियमीत रूप से अगरबत्ती जलाकर पूजा की जाती है, वहां पर कभी भी धन की कमी नहीं होती। मान्यता है अगरबत्ती जलाने से घर में शुद्धता आती है और ऐसी जगह पर ही लक्ष्मी जी का वास होता है। माना जाता है कि अगरबत्ती जलाने से घर पर बने सकारात्मक वातावरण का असर परिवार के विद्यार्थियों पर भी पड़ता है। बच्चे बड़ी ही एकाग्रता के साथ अपनी पढ़ाई-लिखाई में मन लगा पाते हैं जिससे उनकी काफी तरक्की होती है।
पूजा-पाठ में धूप जलाने को लेकर ऐसी मान्यता है कि इससे वातावरण में पवित्रता आती है। कहते हैं कि ऐसी जगहों से बुरी शक्तियां दूर हो जाती हैं और वहां पर देवी-देवताओं का आगमन होता है। धूप जलाने से वातावरण में सकारात्मकता आने की भी मान्यता है। कहा जाता है कि इससे लोगों का तनाव कम होता है और वे अच्छी तरह से अपने काम में ध्यान लगा पाते हैं। बताते हैं कि पूरी श्रद्धाभाव के साथ धूप और अगरबत्ती से देवी-देवता की पूजा करने से उनकी कृपा बरसती है।
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