घर के मुख्य द्वार पर गणेश की प्रतिमा लगाना माना गया है अशुभ, जानिए क्यों
मुख्य द्वार पर गणेश जी की मूर्ति लगाते समय एक जैसी दो मूर्ति लाकर एक मूर्ति मुख्य द्वार के बारह की ओर और एक मूर्ति मुख्य द्वार के अंदर की ओर लगाना चाहिए ताकि गणेश की पीठ घर की ओर न रहे।

हिन्दू परिवारों में घर के अंदर विभिन्न प्रकार के देवी-देवताओं की तस्वीर लगी हुई मिलती है। देवी-देवताओं की तस्वीर को घर में लगाने के पीछे लोगों का उद्देश्य यही होता है कि घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो और सकारात्मक ऊर्जा का वास हो सके। इन्हीं देवी-देवताओं में से एक हैं भगवान गणेश। भगवान गणेश की तस्वीर प्रायः हिन्दू परिवारों में लगी रहती है। भगवान गणेश की तस्वीर घर के अन्य हिस्सों के अलावा मुख्य द्वार पर भी इनकी तस्वीर लगी हुई देखी होगी। कई लोग इसे घर की शोभा बढ़ाने के लिए भी मुख्य द्वार पर लगा देते हैं। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश की प्रतिमा घर के मुख्य द्वार पर लगाना शुभ माना गया है। क्या आप जानते हैं कि आखिर घर के मुख्य द्वार पर भगवान गणेश की तस्वीर लगाना अशुभ क्यों माना गया है। यदि नहीं तो चलिए आगे इसे जानते हैं।
वास्तु के अनुसार यदि घर का मुख्य द्वार दक्षिण या उत्तर दिशा में हो तभी मुख्य द्वार पर गणेश जी की प्रतिमा लगानी चाहिए। वहीं मुख्य द्वार यदि पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर हो तो गणेश जी की मूर्ति नहीं लगानी चाहिए। मुख्य द्वार पर गणेश जी की मूर्ति लगाते समय एक जैसी दो मूर्ति लाकर एक मूर्ति मुख्य द्वार के बारह की ओर और एक मूर्ति मुख्य द्वार के अंदर की ओर लगाना चाहिए ताकि गणेश की पीठ घर की ओर न रहे।
घर की ओर पीठ की हुई गणेश जी की प्रतिमा नहीं लगानी चाहिए क्योंकि ऐसा कहा गया है कि गणेश जी की पीठ पर दरिद्रता का वास होता है। साथ ही घर में एक ही जगह पर दो मूर्ति स्थापित नहीं होनी चाहिए। यदि एक से अधिक गणेश की मूर्ति है तो उसे अलग-अलग स्थानों पर ही लगानी चाहिए। इसके अलावा वस्तु शास्त्र भी यह मानता है कि घर के मुख्य द्वार पर गणेश जी प्रतिमा नहीं लगानी चाहिए।