Shirdi Sai Baba: शिर्डी साईं बाबा के भक्त आज भी लाखों की संख्या में हैं। साईं बाबा के भक्त इनके अद्भुत चमत्कारों की चर्चा करते आए हैं। इनके भक्त ऐसा मानते हैं कि ये ईश्वर के अवतार थे। हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही समुदाय के लोग इन्हें पूजते हैं। शिर्डी साईं बाबा को मानने वाले उन्हें योगी, संत, फकीर कहलकर पुकारते हैं। शिर्डी साईं बाबा के धर्म और जन्म को लेकर लोगों में विरोधाभास है। कुछ लोग उन्हें हिन्दू मानते हैं तो लोग मुस्लिम। परंतु, वे सभी धर्मों का सम्मान करने वाले थे जो हमेशा ‘सबका मालिक एक’ जपते थे। आइए जानते हैं उनके जीवन के बारे में…
श्री साईं बाबा को भारत में एक महान संत के रूप में जाना जाता है। कहा जाता है कि ये अद्भुत शक्तियों से सम्पन्न थे। में से एक के रूप में देखा जाता है, जो अभूतपूर्व शक्तियों से संपन्न हैं, और एक भगवान के रूप में पूजे जाते हैं। साईं एक युवा फकीर के रूप में सबसे पहले शिरडी गए और जीवनभर वहीं रहे। मान्यता है कि जो भी उनसे मिलने आया उसका जीवन बदल गया। साईं बाबा के जन्म स्थान को लेकर इतिहासकारों और विद्वानों में अलग-अलग मत हैं। कुछ विद्वानों का मानना है कि इनका जन्म महाराष्ट्र के पाथरी गांव में 28 दिसंबर के दिन साल 1835 में हुआ था। हालांकि उनके जन्म को लेकर कोई ठोस प्रमाण नहीं है।
साईं सत्चरित्र नामक किताब के मुताबिक साईं 16 साल की अवस्था में महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के शिर्डी गांव में आए थे। जहां वे एक सन्यासी का जीवन व्यतीत कर रहे थे। वे हमेशा एक नीम के पेड़ के नीचे ध्यान लगाकर भक्ति में लीन रहते थे। धीरे-धीरे लोग इनके उपदेशों को अपनाने लगे और इस तरह इनकी ख्याति आसपास के गांवों में बढ़ती गई।
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कहां स्थित है साईं मंदिर
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के शिर्डी गांव में साईं मंदिर स्थित है। इस मंदिर से आज भी लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। कहते हैं कि इस मंदिर के दर्शन के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। यह मंदिर साईं बाबा की समाधि पर बनाया गया है। मंदिर से जुड़ी हुई मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से साईं के दर्शन करने मंदिर पहुंचते हैं, उनकी कामना पूरी होती है।