गरुड़ पुराण के अनुसार हर जीव का पुनर्जन्म होता है यानि वह फिर से जन्म लेता है। हिन्दू धर्म शास्त्रों में ऐसा उल्लेख मिलता है कि जो इंसान जन्म लेता है उसकी मृत्यु अवश्य होती है। गरुड़ पुराण के मुताबिक मृत्यु के बाद मनुष्य को कौन सा जन्म मिलेगा, यह उसके कर्म पूर्व जन्म के कर्मों पर निर्भर करता है। परंतु क्या अप जानते हैं कि मनुष्य मरने के बाद कौन सी योनि में जन्म लेता है? साथ ही यह उसके कौन से कर्म के अनुसार मिलती है? यदि नहीं तो आगे गरुड़ पुराण के अनुसार इसे जानते हैं।
गरुड़ पुराण के अनुसार दूसरे की पत्नी से संबंध बनाने वाला व्यक्ति घोर नरक में जाता है। फिर वहां उसे पहले भेड़िया फिर कुत्ता, गिद्ध, सियार, सांप, कौआ और अंत में बगुला की योनि प्राप्त होती है। इन सब जन्मों के बाद अंत में उसे मनुष्य योनि मिलती है। साथ ही बड़े भाई का अपमान करने वाले व्यक्ति को कौंच नामक पक्षी के रूप में जन्म लेना पड़ता है। इतना ही नहीं, 10 वर्षों तक उसे इसी योनि में रहना होता है। फिर उसे मनुष्य तन की प्राप्ति होती है। सोने की चोरी करने वाला व्यक्ति कीड़े-मकोड़े की योनि में जन्म लेता है। वहीं जो व्यक्ति चांदी की वस्तु चोरी करता है उसे कबूतर की योनि मिलती है।
इसके अलावा देवताओं और पूर्वजों को संतुष्ट किए बिना मरने वाला इंसान सौ साल तक कौए का जीवन व्यतीत करता है। उसके बाद मुर्गा, फिर एक महीने के लिए सांप की योनि में रहने के बाद उसके पापों का अंत होता है। तब जाकर बह मनुष्य के रूप में जन्म लेता है। साथ ही साथ जो मनुष्य स्त्रियों की चोरी करता है उसे अगले जन्म में तोते की योनि प्राप्त होती है। वहीं जो व्यक्ति किसी शस्त्र से किसी की जान लेता है उसे गधे की योनि में जन्म लेना पड़ता है। उसके बाद वह हिरण का जीवन व्यतीत करता है और फिर उसकी हत्या भी किसी शस्त्र से ही होती है। फिर वह मछली, कुत्ता, बाघ और अंत में मनुष्य योनि को प्राप्त करता है। सुगंधित पदार्थ की चोरी करने वाला व्यक्ति छछुंदर की योनि में जन्म लेता है।