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महिलाएं हनुमान जी की पूजा या व्रत रख सकती हैं या नहीं? जानिये बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से

Hanuman Puja: आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने महिलाओं को हनुमान जी की पूजा करने या न करने के बारे में बताया है।

Acharya Dhirendra Krishna Shastri
Acharya Dhirendra Krishna Shastri: उन्होंने महिलाओं को हनुमान जी को स्पर्श करने या न करने के बारे में भी चर्चा की है। (Image Credit: Videograph)

Hanuman Puja: ज्योतिष शास्त्र में हनुमान जी की पूजा का बड़ा महत्व बताया गया है। हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने और व्रत रखने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। वहीं महिलाएं हनुमान जी की पूजा कर सकती, व्रत रख सकती है या नहीं। आम लोगों में हमेशा इस बात की चर्चा की जाती है।

बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Acharya Dhirendra Krishna Shastri) ने एक वीडियो में इस बारे में विस्तार से चर्चा की है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि महिलाओं को हनुमान जी को क्यों स्पर्श नहीं करना चाहिए।

क्या महिलाएं कर सकती हैं हनुमान जी की पूजा

वीडियो में बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि किसी भी ग्रंथ में यह नहीं लिखा है कि महिलाएं हनुमान जी पूजा नहीं कर सकती है। महिलाएं पूजा भी कर सकती हैं और हनुमान चालीसा भी पढ़ सकती हैं। आगे उन्होंने कि भगवान के चरणों के समीप रहना ही उपवास होता है। महिलाएं भी हनुमान जी का व्रत रख सकती है।

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महिलाएं क्यों स्पर्श नहीं करती हनुमान जी को

वहीं यह भी कहा जाता हैं कि महिलाएं हनुमान जी को स्पर्श नहीं करती या महिलाओं को हनुमान जी को स्पर्शन नहीं करना चाहिए। इसके बारे में आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि हनुमान जी बहुत ही पवित्र हैं और पवित्र भाव से रहते हैं। माताओं में अपवित्रता ज्यादा रहती हैं। रामायण में गोस्वामी तुलसी दास ने नारी के बहुत अवगुण बताए हैं। उन अवगुणों के कारण कहीं किसी माता का चित भटक न जाएं और कहीं हनुमान जी की साधना भंग हो जाए, इसलिए हनुमान जी माताओं से स्पर्श नहीं कराते हैं।

कौन हैं आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम के आचार्य हैं। उनका जन्म छतरपुर जिले के गांव गड़ा में 4 जुलाई 1996 को हुआ। गांव में बागेश्वर धाम है, जहां बालाजी हनुमान जी की मंदिर है। यहां पर आचार्य के दादा और उनके गुरु जी की समाधी स्थल भी है। वह अपने बयानों के लिए विवादों में भी रह चुके हैं।

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First published on: 30-09-2022 at 16:57 IST
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