कुंडली में गुरु ग्रह के कमजोर होने का जीवन पर पड़ता है क्या प्रभाव, जानिए
गुरु ग्रह की दशा को मजबूत करने के लिए प्रतिदिन सुबह जगते ही परिवार के लोगों को नमस्कार करने के लिए कहा जाता है।

ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह का खास महत्व है। गुरु को जीवन के सुखों का कारक माना जाता है। कहा जाता है कि जीवन कितना लंबा होगा और उसमें सुख कितना होगा, यह गुरु ग्रह से ही निर्धारित होता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, जन्मकुंडली में गुरु ग्रह की दशा खराब होने पर व्यक्ति अनुशासित जीवन नहीं जी पाता है। इससे व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति से बचने के लिए प्रतिदिन पीपल के पेड़ की पूजा करने के लिए कहा जाता है। साथ ही प्रतिदिन सुबह में उठते समय दोनों पैर एकसाथ धरती पर रखने के लिए कहा जाता है। इसके अलावा खुद ही अपने तकिए और चादर को सही तरह से व्यवस्थित करें। ऐसा करने से कुंडली में गुरु ग्रह के मजबूत होने की मान्यता है।
कुंडली में गुरु ग्रह की दशा खराब होने से मोटापा बढ़ने की मान्यता है। इससे व्यक्ति कुछ बीमारियों की चपेट में भी आ जाता है। कहा जाता है कि व्यक्ति का गुरु खराब हो तो वह अपने खाने की इच्छा पर नियंत्रण नहीं कर पाता। और बेहिसाब खाता जाता है। इसके परिणाम स्वरूप वह शख्स मोटापे का शिकार हो जाता है। इससे बचने के लिए प्रतिदिन माथे पर केसर का तिलक लगाने की सलाह दी जाती है। साथ ही गुरुवार के दिन अपने गुरु को सोने की कोई वस्तु उपहार स्वरूप देने से भी लाभ मिलने की मान्यता है।
गुरु ग्रह की दशा को मजबूत करने के लिए प्रतिदिन सुबह जगते ही परिवार के लोगों को नमस्कार करने के लिए कहा जाता है। कहते हैं कि ऐसा करने से कुंडली में गुरु ग्रह की दशा कमजोर नहीं होती। इससे पारिवारिक रिश्ते भी मजबूत होते हैं। गुरु को मजबूत रखने के लिए अपने गरु का आदर करना अनिवार्य माना गया है। कहा जाता है कि ज्ञान देने वाले गुरु को कभी भी किसी तरह का कष्ट नहीं देना चाहिए।