Weekly Festival (16 March To 22 March): शीतला अष्टमी, पापमोचिनी एकादशी समेत इस सप्ताह आयेंगे ये व्रत-त्योहार
साप्ताहिक व्रत और त्योहार: इस हफ्ते के पहले दिन ही शीतला अष्टमी (sheetala ashtami 2020) पड़ेगी। जिसे बसोड़ा (Basoda Puja 2020) भी कहा जाता है। इसी के साथ पापमोचिनी एकादशी (Papmochani Ekadashi) व्रत और प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) भी इसी सप्ताह रखा जायेगा।

Weekly Festival Calendar 2020: 16 मार्च से नये सप्ताह की शुरुआत होने जा रही है। इस हफ्ते के पहले दिन ही शीतला अष्टमी (sheetala ashtami 2020) पड़ेगी। जिसे बसोड़ा (Basoda Puja 2020) भी कहा जाता है। ये त्योहार गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में काफी लोकप्रिय है। इसी दिन कालाष्टमी (Kalashtami 2020) भी है। इसी के साथ पापमोचिनी एकादशी (Papmochani Ekadashi) व्रत और प्रदोष व्रत भी इसी सप्ताह रखा जायेगा। एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है तो प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) भगवान शिव को समर्पित है। जानिए सप्ताह में आने वाली सभी व्रत-त्योहारों की तारीख और मुहूर्त…
16 मार्च, दिन सोमवार: इस दिन शीतला अष्टमी मनाई जायेगी। यह त्योहार दो दिन तक मनाया जाता है। जिसमें माता शीतला के लिए व्रत रख उनकी पूजा की जाती है। इस दिन माता को बासी खाने का भोग लगाया जाता है और खुद भी उसे प्रसाद रुप में ग्रहण किया जाता है। मान्यता है कि शीतला माता का व्रत रखने से बीमारियां दूर होती हैं।
शीतला सप्तमी मुहूर्त:
शीतला अष्टमी सोमवार, मार्च 16, 2020 को
शीतला अष्टमी पूजा मुहूर्त – 06:10 ए एम से 06:04 पी एम
अवधि – 11 घण्टे 54 मिनट्स
शीतला सप्तमी रविवार, मार्च 15, 2020 को
अष्टमी तिथि प्रारम्भ – मार्च 16, 2020 को 03:19 ए एम बजे
अष्टमी तिथि समाप्त – मार्च 17, 2020 को 02:59 ए एम बजे
16 मार्च, कालाष्टमी: इस दिन कालाष्टमी भी है जो हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आती है। इस दिन कालभैरव की पूजा की जाती है। कालभैरव के भक्त साल की सभी कालाष्टमी के दिन उनकी पूजा और उनके लिए उपवास करते हैं।
19 मार्च, दिन बृहस्पतिवार: इस दिन पापमोचिनी एकादशी है। यह हिंदू वर्ष की आखिरी एकादशी होती है। इस दिन व्रत रखने से अनजाने में हुए सभी पापों खत्म होने की मान्यता है। ये एकादशी चैत्र शुक्ल पक्ष में आती है। इसके अगले दिन वैष्णव पापमोचिनी एकादशी है।
21 मार्च, दिन शनिवार: इस दिन प्रदोष व्रत और शनि त्रयोदशी भी है। इस दिन भगवान शिव की अराधना की जाती है। प्रदोष का दिन जब सोमवार को आता है तो उसे सोम प्रदोष कहते हैं, मंगलवार को आने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहते हैं और जो प्रदोष शनिवार के दिन आता है उसे शनि प्रदोष कहते हैं।