Weekly Festival 2020 (27 april to 3 May): जानिये इस सप्ताह कौन-कौन से त्योहार हैं प्रमुख
साप्ताहिक व्रत और त्योहार: इस हफ्ते की शुरुआत यानि कि 27 अप्रैल को विनायक चतुर्थी व्रत है। वहीं, 28 अप्रैल को आद्य शंकराचार्य जयंती है।

Weekly Festival Calendar 2020: नए सप्ताह की शुरुआत 27 अप्रैल से होने जा रही है। ऐसे में श्रद्धालुओं में ये जानने की उत्सुकता बनी रहती है कि इस सप्ताह कौन-कौन से त्योहार महत्वपूर्ण हैं। इस हफ्ते की शुरुआत यानि कि 27 अप्रैल को विनायक चतुर्थी व्रत है। वहीं, 28 अप्रैल को आद्य शंकराचार्य जयंती है। इसके अलावा, 29 अप्रैल को रामानुजाचार्य जयंती है और 30 अप्रैल को चित्रगुप्त जयंती व गंगा सप्तमी है। वहीं, मई के महीने की बात करें तो 2 मई को सीता नवमी है और 3 मई को मोहिनी एकादशी है। आइए इन त्योहारों के बारे में विस्तार से जानें-
27 अप्रैल विनायक चतुर्थी व्रत: हिंदू परंपरा के अनुसार प्रत्येक चंद्र मास में दो चतुर्थी होती हैं। इस सोमवार को पड़ने वाली चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है। अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को ही विनायक चतुर्थी कहते हैं और पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन गणेशजी का व्रत रखने वाले लोगों के जीवन से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही पूरे साल गणेशजी की कृपा बनी रहती है।
28 अप्रैल आद्य शंकराचार्य जयंती: माना जाता है कि केरल के कालड़ी गांव में ब्राह्मण दंपति शिवगुरु नामपुद्रि और विशिष्टा देवी के घर में भोलेनाथ ने स्वयं जन्म लिया था। यही बालक ‘शंकर’ बड़े होकर के जगद्गुरु आदि शंकराचार्य बने। वैशाख शुक्ल पंचमी के दिन आदि गुरु का जन्म हुआ था।
30 अप्रैल चित्रगुप्त जयंती व गंगा सप्तमी: यम द्वितीया के दिन ही यह त्यौहार भी मनाया जाता है। यह खासकर कायस्थ वर्ग में अधिक प्रचलित है। चित्रगुप्त जी का जन्म ब्रह्मा जी की काया से हुआ था। कहा जाता है कि इसीलिए ये कायस्थ कहलाये और इनका नाम चित्रगुप्त पड़ा। वहीं आस्था की प्रतीक गंगा नदी के पृथ्वी पर आने की तिथि को गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि वैशाख मास शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को ही मां गंगा स्वर्ग लोक से भगवान शंकर की जटाओं में पहुंची थीं।
2 मई सीता नवमी: सीता नवमी मिथिला के राजा जनक और रानी सुनयना की बेटी और अयोध्या की रानी देवी सीता के अवतार दिवस के रूप मे मनाया जाता है, इसे जानकी नवमी भी कहा गया है। वैसे तो सीता जी की जयंती वैशाख शुक्ल नवमी को मनाया जाता है लेकिन भारत के कुछ हिस्सों में फाल्गुन कृष्ण अष्टमी को भी सीता जयंती के रूप में जाना जाता है। रामायण में दोनों ही तिथियां सीता के प्रकाट्य के लिए उचित मानी जाती हैं।
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