वैदिक ज्योतिष मुताबिक ग्रहों का मानव जीवन पर शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ता है। साथ ही नवग्रहों की महादशा और अंतर्दशा भी समय- समय पर व्यक्ति के ऊपर आती है। यहां हम बात करने जा रहे हैं शुक्र ग्रह की महादशा के बारे में, जो 20 साल तक रहती है। आपको बता दें कि शुक्र ग्रह भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग-विलास, शौहरत, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस, काम-वासना के कारक माने जाते हैं।
वहीं अगर व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह निगेटिव विराजमान हों तो व्यक्ति को वैवाहिक जीवन में परेशानियां आती हैं। पती-पत्नि के बीच मतभेद होते हैं। व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता आती है और वह भौतिक सुखों के अभाव में जीता है। है। आइए जानते हैं शुक्र की महादशा का जीवन में प्रभाव और उपाय…
शुक्र ग्रह की महादशा का जीवन में प्रभाव
नकारात्मक होने पर वैवाहिक जीवन में आती है परेशानी
वैदिक ज्योतिष मुताबिक हर व्यक्ति को शुक्र की दशा का सामना करना पड़ता है। आपको बता दें कि शुक्र अपनी महादशा में कैसा फल व्यक्ति को देंगे। ये इस बात पर निर्भर करता है कि शुक्र देव व्यक्ति की जन्म कुंडली में कहां और किस स्थित में विराजमान हैं। अगर शुक्र ग्रह जन्मकुंडली में अशुभ (नीच) के स्थित हैं तो व्यक्ति को शुक्र ग्रह की दशा में शारीरिक, मानसिक, आर्थिक एवं सामाजिक कष्टों का सामना करना पड़ता है। साथ ही उसके जीवन में भौतिक सुखों का अभाव रहता है। वहीं कमज़ोर शुक्र ग्रह के कारण व्यक्ति की कामुक शक्ति कमज़ोर हो जाती है। साथ ही इसके प्रभाव से व्यक्तियों को किडनी से संबंधित बीमारी होने का सामना करना पड़ता है। व्यक्ति को आंखों से सबंधित रोग होते हैं, तो वहीं स्त्रियों के लिए शुक्र ग्रह गर्भपात करा सकता है।
शुक्र अगर शुभ स्थित हों तो
वहीं अगर शुक्र देव कुंडली में उच्च या मित्र राशि में स्थित हैं, तो शुक्र की महादशा में व्यक्ति को वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यापार में अच्छा धनलाभ होता है। मजबूत शुक्र व्यक्ति के वैवाहिक जीवन को सुखी बनाता है। यह पति-पत्नी के बीच प्रेम की भावना को बढ़ाता है। वहीं जीवन में रोमांस में वृद्धि करता है। जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में शुक्र मजबूत स्थिति में होता है वह व्यक्ति जीवन में भौतिक सुखों का आनंद लेता है। साथ ही व्यक्ति का जीवन भोगविलास में कटता है।
शुक्र दोष से मुक्ति पाने के लिए करें ये उपाय
1- शुक्र ग्रह के मंत्र ” शुं शुक्राय नम: या शुं शुक्राय नम:” का रोज कम से कम 108 बार जाप करें।
2- शुक्र दोष से मुक्ति पाने के लिए हर शुक्रवार को व्रत रखें। साथ ही खीर बनाकर छोटी कन्या को वितरित करें।
3- प्रत्येक शुक्रवार को आटे में चीनी मिलाकर चीटियों को भोजन कराएं।
4- सफेद गाय को रोज सुबह आटे के आटे से रोटी खिलाएं।
5- किसी ब्राह्राण या जरूरतमंद को दूध, दही, घी, कपूर, सफेद फूल और सफेद मोती का दान करें।