Vastu Dosh: ये बीमारियां भी देती हैं घर में वास्तु दोष का संकेत, ऐसे करें पहचान
यदि आपके यहां रसोईघर आग्नेय कोण में स्थित नहीं है तो घर में कमाने वाले सदस्य अक्सर बीमार रहेंगे। हमेशा रसोई आग्नेय कोण में ही बनवाएं।

वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि आपके घर का निर्माण वास्तु के नियमों को ध्यान में रखकर नहीं किया गया है तो जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सका है। वास्तु सही नहीं होने से आर्थिक से लेकर स्वास्थ्य तक की समस्याएं हो सकती हैं। परिवार में कलह का माहौल बन सकता है। इसके अलावा वास्तु के गलत होने से आप कई बीमारियों के शिकार भी हो सकते हैं। आइये आपको बताते हैं भवन में वास्तु दोष के चलते आप किन बीमारियों का सामना कर सकते हैं।
1. आयुक्षय कष्ट- अगर आपका घर सड़क के अन्त में है तो उसमें रहने वाले सदस्य अक्सर कष्ट में रहेंगे। वहीं, यदि आपके मकान पर किसी वृक्ष, मन्दिर आदि की छाया पड़ रही है तो आप किसी रोग के शिकार हो सकते हैं। घर के आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) में रोजाना लाल रंग की मोमबत्ती जलाने से घर सदस्यों का स्वास्थ्य सही बना रहता है।
2. यदि आपके यहां रसोईघर आग्नेय कोण में स्थित नहीं है तो घर में कमाने वाले सदस्य अक्सर बीमार रहेंगे। हमेशा रसोई आग्नेय कोण में ही बनवाएं। यदि आपके घर में कोई बीमार में है तो उसके कमरे में कुछ हफ्तों तक एक मोमबत्ती जलाकर रखें। वास्तु में ऐसा करना शुभ माना जाता है।
3. वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में दो वास्तु दोष होने पर परिवार का कोई एक सदस्य कैंसर की बीमारी से पीड़ित हो सकता है। इन दो वास्तुदोष में से एक वास्तुदोष घर के ईशान कोण के भाग में होता है। यदि घर का ईशान कोण गोल हो, कटा हुआ हो, दबा हुआ हो या घर का ईशान कोण जरूरत से ज्यादा बढ़ा हुआ हो तो वास्तु दोष माना जाता है। साथ ही ये दोष तब भी होता है जब घर की अन्य दिशाओं की तुलना में ईशान कोण ऊंचा होता है।
4. दूसरा वास्तुदोष होता है घर के दक्षिण पश्चिम दिशा या आग्नेय, वायव्य और नैऋत्य कोण में। इस दोष से ये तय होता है कि शरीर के किस हिस्से में कैंसर होगा। इन दो दोष के कारण कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसी तरह अगर आपके भवन के उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में किसी प्राकर का वास्तुदोष है तो घर में रहने वाले लोग हीन भावना के शिकार हो सकते हैं।