पिछले साल चार धाम यात्रा में जिस तरह से तीर्थयात्री उमड़े थे और शुरुआती दौर में जबरदस्त अव्यवस्था फैल गई थी, उसे देखते हुए राज्य सरकार इस बार अत्यधिक चौकसी कर रही है। स्वास्थ्य विभाग ने भी चार धाम यात्रा को लेकर तीन स्तरीय व्यवस्था करने का एलान किया है। पिछले साल केदारनाथ यात्रा के समय 280 तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य कारणों से मौत हो गई थी, इसलिए इस बार पुख्ता बंदोबस्त किए जा रहे हैं।
केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा को सुगम बनाने पर सरकार का ध्यान है। केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर चलने वाले घोड़े-खच्चरों के लिए रास्ता ठीक किया जा रहा है। पिछले साल खच्चर मार्ग पर व्याप्त अव्यवस्था के कारण 250 खच्चरों की मौत हो गई थी। उत्तराखंड की चारधाम यात्रा अप्रैल के अंतिम सप्ताह में शुरू होगी।
अभी दो महीने से अधिक का समय है, लेकिन तैयारियां तेज हो गई हैं। इस बार घोड़े-खच्चरों से यात्रा करने के लिए नए नियम बनाए जा रहे हैं। पैदल मार्ग पर बीमार घोड़े-खच्चरों को ले जाने नहीं दिया जाएगा। जो भी घोड़े खच्चर इस यात्रा मार्ग में जाएंगे, उनका बीमा और स्वास्थ्य परीक्षण कराना अनिवार्य होगा।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू कहते हैं कि जोशीमठ को लेकर सरकार ने रणनीति बनाई है। जोशीमठ में यात्रा के लिए स्थायी रूप से राहत आपदा नियंत्रण केंद्र बनाया जाएगा ताकि तुरंत मदद हो सके। बड़ी-बड़ी मशीनें भी तैनात रहेंगी ताकि सड़क बंद होती है तो सड़क पर दवाब न पड़े और गाड़ियां चलती रहें। मुख्य सचिव ने बताया कि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की टीम भी मौके पर रहेगी ताकि दरारें बढ़ीं तो तुरंत उस पर काम किया जा सके।
तीर्थयात्रियों के लिए इस बार विशेष स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। नई व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं को त्रिस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी। यात्रा मार्गों पर 108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा के साथ ही ‘एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस’ (एएलएस) व ‘कार्डिक एंबुलेंस सेवा’ भी उपलब्ध रहेगी। इसके अलावा एम्स ऋषिकेश के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग आपातकाल में हवाई एंबुलेंस सेवा के साथ ही जीवनरक्षक दवाइयां पहुंचाने के लिए ड्रोन सेवा भी उपलब्ध कराएगा।
इस संबंध में दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में चारधाम यात्रा को लेकर महत्त्वपूर्ण बैठक की गई। बैठक में चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया गया। केंद्रीय मंत्री की ओर से सहमति देते हुए शीघ्र डीपीआर उपलब्ध कराने को कहा गया।
दूसरी ओर, उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर डीपीआर तैयार कर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिए। स्वास्थ्य विभाग व मेडिकल कालेजों के विशेषज्ञ व डाक्टरों के साथ पीजी विद्यार्थियों को भी चारधाम यात्रा में तैनात किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर यात्रा के समय मेडिकल, पैरामेडिकल व नर्सिंग स्टाफ की अतिरिक्त तैनाती भी यात्रा मार्गों पर की जाएगी। श्रीनगर मेडिकल कालेज पौड़ी गढ़वाल में कैथ लैब एवं ट्रामा सेंटर स्थापित किया जाएगा।
बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब जाने के लिए प्रशासन ने जोशीमठ में एकल सड़क यात्रा की व्यवस्था शुरू करने पर विचार किया है ताकि जोशीमठ से बद्रीनाथ जाने वाले राजमार्ग पर गाड़ियों का दबाव अधिक ना पड़ सके और यात्रा सकुशल हो सके।