आज बुद्ध पूर्णिमा पर बन रहा है अत्यंत शुभ ‘समसप्तक राजयोग’, जानिए किन उपायों से होगा शुभ ही शुभ
पूर्णिमा की रात को कच्चे दूध में पूजा के उपयोग में लाने वाले शहद और चंदन को मिलाकर उसमें अपनी छाया देखें फिर चंद्रमा को अर्घ्य दें।

वैशाख मास की पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को बौद्ध जयंती के रूप में पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इस साल यानि 2019 में यह 18 मई को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। वर्षों बाद इस वैशाख पूर्णिमा पर बेहद खास शुभ संयोग बन रहा है। दरअसल इस पूर्णिमा समसप्तक राजयोग का शुभ संयोग बन रहा है। समसप्तक राजयोग को शास्त्रों में बेहद शुभफल प्रदान करने वाला माना गया है। आगे जानते हैं कि इस शुभ संयोग का लाभ किन उपायों के द्वारा उठा सकते हैं?
शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा के दिन चंद्रमा, विष्णु भगवान और माता लक्ष्मी की पूजा करने से चारो तरफ से सुख-समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है। समसप्तक राजयोग के चलते यह तिथि बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। पूर्णिमा पर ज्योतिष में कुछ उपाय बताए गए हैं जिसको करने से जीवन में तमाम तरह की परेशानियों का अंत हो जाता है। चंद्रमा को शीतलता का प्रतीक माना गया है, इसलिए इस योग में दूध और शहद के उपाय से धन, मान-सम्मान में बढ़ोत्तरी होती है।
पूर्णिमा की तिथि पर सुबह स्नान के बाद माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजन करने के बाद दिनभर अपने मन में ऊं सोम सोमाय नम: के मंत्र का जप करें। पूर्णिमा की रात को कच्चे दूध में पूजा के उपयोग में लाने वाले शहद और चंदन को मिलाकर उसमें अपनी छाया देखें फिर चंद्रमा को अर्घ्य दें। ऐसा माना जाता है कि समसप्तक राजयोग में इन उपायों को करने से जीवन में सब शुभ ही शुभ होता है।