कर्मफलदाता शनि देव 31 जनवरी को प्रात: 02:46 बजे अस्त हो गए। शनि अपनी गृह राशि यानी कुंभ में है। शनि अब 33 दिनों तक कुंभ राशि में अस्त अवस्था में रहेंगे। फिर 05 मार्च को रात्रि 08:46 बजे शनि का कुम्भ राशि में उदय होगा। इन 33 दिनों में जिन लोगों पर शनि की मार पड़ सकती है या जिनकी शनि की साढ़ेसाती है या शनिदोष है, उन्हें शनि के सूर्यास्त के समय कोई भी गलत कार्य नहीं करना चाहिए। इसके बुरे परिणाम हो सकते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव व्यक्ति को उसके कर्म के अनुसार फल देने वाले हैं। गलत काम करने पर बुरे परिणाम मिलेंगे और अच्छे काम करने पर शनिदेव की कृपा मिलेगी। शनि के अस्त होने से लोगों को कुछ बुरी आदतों से दूर रहना चाहिए।
मांस या तामसिक भोजन से परहेज करें
जो लोग मांस खाते हैं या तामसिक भोजन करते हैं उन्हें इस दौरान इसका त्याग कर देना चाहिए नहीं तो शनि आपसे नाराज होंगे और आपको अपने कार्यों में सफलता नहीं मिलेगी।
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शराब और जुए से दूर रहें
शराब या जुआ खेलने वाले लोगों से शनिदेव नाराज हो जाते हैं। शनि के प्रकोप से बचने के लिए इस दौरान शराब और जुए से दूर रहें।
बड़ों का अनादर न करें
यदि आप अपने माता-पिता का सम्मान नहीं करते हैं, अपने बड़ों का अपमान करते हैं, अपने से बड़ों का अपमान करने का प्रयास करते हैं तो इस आदत को बदल दें, अन्यथा शनि आपसे नाराज होंगे और आपका जीवन कठिन हो जाएगा।
जानवरों के साथ दुर्व्यवहार न करें
कई बार जाने-अनजाने में लोग बिना किसी वजह के दूसरे जीवों को चोट पहुंचाते हैं और पीटते हैं, ऐसा न करें। मूक प्राणियों के अत्याचारियों पर भी शनि की कुटिल दृष्टि पड़ती है।
इन लोगों के साथ सही व्यवहार करें
जो लोग अपने सहयोगी, सफाई कर्मचारियों, बीमार, असहाय, गरीब आदि के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। ऐसे लोगों पर शनि की सीधी दृष्टि होती है। ऐसे लोगों पर जब शनि की साढ़ेसाती शुरू होती है तो शनिदेव उन्हें उनके कर्मों का फल प्रदान करते हैं।