वास्तु के हिसाब से घर में नहीं रखनी चाहिए शिव जी की ये मूर्तियां, जानिए क्यों
भगवान नटराज को भी शिव जी का ही एक अवतार कहा जाता है। वास्तु की मानें तो घर में नटराज की मूर्ति भी नहीं रखनी चाहिए। दरअसल नटराज को शिव जी का तांडव रूप कहा गया है।

भगवान शिव शंकर के भक्त बड़ी ही श्रद्धाभाव के साथ उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जिस व्यक्ति के ऊपर शिव जी की कृपा होती है, उसे अपने जीवन में किसी भी तरह के कष्ट का सामना नहीं करना पड़ता। शिव के भक्त बड़ी ही आस्था के साथ उनकी मूर्ति अपने घर में स्थापित करते हैं और उनकी उपासना करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिव जी की कुछ ऐसी भी मूर्तियां हैं जिन्हें घर रखने और उनकी पूजा करने के लिए वास्तु शास्त्र में मना किया गया है। जी हां, आज हम इसी बारे में आपको विस्तार से बताने वाले हैं। इसके साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि इन मूर्तियों की पूजा से क्या नुकसान हो सकते हैं।
भैरव जी को भगवान शंकर का ही एक रूप बताया जाता है। कहते हैं कि भैरव जी एक तामसिक देवता हैं। इसलिए वास्तु शास्त्र में उनकी मूर्ति घर में रखने के लिए मना किया गया है। ऐसा कहा जाता है कि भैरव की मूर्ति घर में रखने से नकारात्मकता आती है। घर के सदस्य खुद को मानसिक रूप से काफी परेशान महसूस करने लगते हैं। ऐसे में उनके बीच बात-बात पर कलह होने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसीलिए कहा जाता है कि भैरव जी की मूर्ति घर में नहीं रखनी चाहिए।
मालूम हो कि भगवान नटराज को भी शिव जी का ही एक अवतार कहा जाता है। वास्तु की मानें तो घर में नटराज की मूर्ति भी नहीं रखनी चाहिए। दरअसल नटराज को शिव जी का तांडव रूप कहा गया है। इसलिए इस मूर्ति को घर में रखने की मनाही है। इसके साथ ही घर पर शनि, राहु और केतु की भी मूर्ति लगाने के लिए मना किया जाता है। वास्तु के हिसाब से घर पर शिव जी की ऐसी मूर्ति लगानी चाहिए, जिसमें उनका सौम्य रूप दिखाई देता हो।
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