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Chanakya Niti: आर्थिक संकट की घंटी हैं ये 5 संकेत! आचार्य चाणक्य की हमेशा ध्यान रखनी चाहिए ये बातें

चाणक्य नीति में जीवन से जुड़े सभी पहलुओं को बताया गया है। जानकारों का कहना है कि चाणक्य को आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों की गहरी समझ थी।

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Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को भारत का विद्वान और कुशल कूटनीतिज्ञ माना जाता है।

Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य कई मामलों में वे दर्शन और कूटनीति का सही इस्तेमाल करना जानते थे। महान बुद्धिजीवियों में गिने जाने वाले चाणक्य ने भी नीतिशास्त्र में कहा है कि घर में दरिद्रता आने से पहले के संकेत मिलते हैं। इन संकेतों से पता चल सकता है कि आने वाले समय में घर की आर्थिक स्थिति कैसी हो सकती है।

आचार्य चाणक्य का कहना है कि परिवार में कलह आर्थिक स्थिति के लिए शुभ नहीं माना जाता है। कहा जाता है कि जब घर में ऐसा होता है तो धीरे-धीरे दरिद्रता बढ़ती है। चाणक्य कहते हैं कि गृह कलह से हमेशा बचना चाहिए।

यदि आपके घर में अक्सर झगड़े होते रहते हैं, लोग नाराज होते रहते हैं तो आपको घर में माहौल को मधुर बनाने का प्रयास करना चाहिए। ऐसे घर में पैसों की हमेशा कमी रहती है। आचार संहिता के अनुसार लोगों के घर में बड़ों का सम्मान होता है। वहां लक्ष्मी का वास होता है। चाणक्य कहते हैं कि जो लोग अपने घर में बड़ों का सम्मान नहीं करते, उनकी आर्थिक स्थिति में कभी सुधार नहीं होता है। इसलिए बड़ों का हमेशा सम्मान करना चाहिए। जिस घर में बड़ों का अपमान होता है उस घर में लक्ष्मी का वास कभी नहीं हो सकता है। बड़ों का अपमान करने से आपका घर बिगड़ेगा।

तुलसी के पौधे को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। घर में तुलसी का अचानक सूखना या उस पर सफेद रोग लगना आर्थिक तंगी का संकेत है। इसलिए गलती कहां हो रही है इस पर ध्यान देने की जरूरत है। समय रहते अपनी गलतियों को सुधार लें।

बिना वजह बार-बार कांच का टूटना भी आर्थिक तंगी का संकेत हो सकता है। चाणक्य कहते हैं कि कांच का टूटना अशुभ होता है। नीतिशास्त्र के अनुसार कांच का टूटना आर्थिक स्थिति के लिए अशुभ हो सकता है। कहा जाता है कि जिन घरों के शीशे टूटते हैं वहां आर्थिक संकट आने की संभावना रहती है। चाणक्य कहते हैं इसलिए लोगों को कांच का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर करना चाहिए। घर के अंदर कभी भी टूटा या फटा हुआ शीशा न रखें। इसे तुरंत बाहर फेंक दो। टूटे-फूटे सामान को भी तुरंत घर से बाहर फेंक देना चाहिए।

जिस घर में पूजा नहीं होती वहां नकारात्मकता का वास होता है। भगवान ऐसी जगह नहीं रहते। ऐसी जगहों पर हमेशा दरिद्रता रहती है। चाणक्य कहते हैं कि जिस घर में प्रतिदिन पूजा अर्चना की जाती है वहां सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग अचानक पूजा से हट जाते हैं, उनके घर में आर्थिक संकट का अनुभव होने की संभावना अधिक होती है।

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First published on: 24-02-2023 at 15:03 IST
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