ब्रह्म मुहूर्त में जागने के बताए गए हैं ये 4 लाभ
ब्रह्म मुहूर्त के बारे में आज भी घर के बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि इस समय में जागना स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा है।

ब्रह्म मुहूर्त में दो शब्द हैं, पहला ब्रह्म और दूसरा मुहूर्त। वैदिक शास्त्रों में मुहूर्त का अर्थ समय बताया गया है। वहीं ब्रह्म शब्द के अनेक अर्थ बताए गए हैं। शास्त्रों में ब्रह्म का अर्थ- ब्रह्मा, भगवान आदि बताया गया है लेकिन यहां ब्रह्म का अर्थ भगवान है और ब्रह्म मुहूर्त यानि भगवान का समय। दूसरे अर्थों में ब्रह्म मुहूर्त का मतलब सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। ब्रह्म मुहूर्त के बारे में आज भी घर के बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि इस समय में जागना स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा है। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त में जागकर परमात्मा का ध्यान करना आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ता है। परंतु, क्या आप जानते हैं कि ब्रह्म मुहूर्त में उठने से क्या-क्या लाभ होते हैं? साथ सदियों से ब्रह्म मुहूर्त में जगने को इतना अधिक महत्व क्यों दिया गया है? यदि नहीं तो आगे इसे जानते हैं।
वैज्ञानिक दृष्टि से ब्रह्म मुहूर्त में जगने का पहला लाभ तो ये है कि इस समय वातावरण में ऑक्सीजन बहुत शुद्ध होता है। ये शुद्ध हवा हमारे फेफड़े के लिए बहुत अच्छा है। जब स्वस्थ्य फेफड़ा अच्छा होता है तो हमारा मानसिक संतुलन अच्छा रहता है। साथ ही मन शांत होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस समय देवता और पितर हमारे घरों में आते हैं। जिससे हमारे घर की उन्नति होती है।
साथ ही गीता जो कि हमारा धार्मिक ग्रंथ है यह बताता है कि ब्रह्म मुहूर्त में उठने वाला व्यक्ति आध्यात्मिक और हमेशा खुश रहेगा। वहीं इस समय देव-पूजा करने से धन की देवी लक्ष्मी खुश होती हैं जिससे घर में धन-वैभव की संपन्नता आती है। इसके अलावा जो व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में जागता है, उसे तनाव, मधुमेह, डिप्रेशन और थकावट इन सब बीमारियों से दूर रहता है। चौथी बात ये है कि जो मनुष्य ब्रह्म मुहूर्त में उठता है, वह अन्य की तुलना में ज्यादा बुद्धिमान और ताजगी भरा रहता है। इन सबके अलावा ब्रह्म मुहूर्त में जागने का जो पांचवां जो सबसे मुख्य लाभ है वो ये है कि व्यक्ति हमेशा खुश रहता है।
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