Surya Grahan/Solar Eclipse December 2021 Date and Time: साल का आखिरी सूर्य ग्रहण शुरू हो चुका है। हिंदू पंचांग अनुसार ये ग्रहण मार्गशीर्ष मास की अमावस्या को वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में लगने जा रहा है। ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। लेकिन इसका प्रभाव सभी लोगों पर पड़ेगा। चूंकि भारत में दृश्यता बिलकुल शून्य रहेगी इसलिए यहाँ इसका सूतक काल नहीं माना जाएगा। धार्मिक मान्यताओं अनुसार सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाता है। जिस दौरान कुछ विशेष कार्यों को करने की मनाही होती है। जानिए सूर्य ग्रहण से संबंधित सभी जरूरी जानकारी यहां।
सूर्य ग्रहण कहां और कब देगा दिखाई? इसकी दृश्यता अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, अटलांटिक के दक्षिणी भाग, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका में होगी। भारतीय समय के अनुसार ग्रहण की शुरुआत सुबह 10 बजकर 59 मिनट से होगी और इसकी समाप्ति दोपहर 3 बजकर 7 मिनट पर होगी। ग्रहण काल की कुल अवधि 4 घंटे 4 मिनट की होगी। भारत से ये ग्रहण नहीं दिखाई देगा इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
सूतक काल? इस ग्रहण का सूतक काल नहीं लग रहा है। ज्योतिष अनुसार उसी ग्रहण का सूतक माना जाता है जो अपने क्षेत्र में दृश्यमान हो। चूंकि भारत में साल का आखिरी सूर्य ग्रहण नहीं लग रहा है इसलिए इसका सूतक काल भी नहीं माना जाएगा। बता दें सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से ठीक 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किये जाते। सूतक काल की अवधि में खाना बनाना और पकाना दोनों मना होता है। भगवान की मूर्ति और तुलसी का पौधा स्पर्श नहीं कर सकते। इस दौरान सोने से भी बचना चाहिए। (यह भी पढ़ें- Surya Grahan 2021 Today LIVE Updates: कितने बजे से लगेगा सूर्य ग्रहण, जानिए ग्रहण के दौरान किन बातों का रखें विशेष ध्यान)
सूर्य ग्रहण का राशियों पर प्रभाव: मिथुन, कन्या, मकर और कुंभ राशि वालों पर ग्रहण का शुभ प्रभाव पड़ेगा। करियर में तरक्की के रास्ते खुलेंगे। आमदनी बढ़ सकती है। नई नौकरी के ऑफर आने के आसार रहेंगे। भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। वहीं वृश्चिक, मेष, धनु और वृषभ राशि वालों के लिए ग्रहण अच्छा नहीं माना जा रहा है। इन राशि के जातकों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए सतर्क रहें। (यह भी पढ़ें- सूर्य ग्रहण का सभी 12 राशियों पर पड़ेगा प्रभाव, इनमें से 4 राशि वालों के लिए शुभ संकेत)
ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के उपाय:
-मन ही मन ईश्वर की अराधना करनी चाहिए।
-सूर्य देव के बीज मंत्र का जप करना चाहिए।
-सूर्य ग्रहण के लगने से ठीक पहले खाने-पीने की वस्तुएं जैसे पके हुए भोजन, दूध, दही, घी, मक्खन, अचार, पानी, आदि में कुश या तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिए।
-ग्रहण के तुरंत बाद नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर लें। उसके बाद पूजन करें।
-ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए ग्रहण की समाप्ति के बाद जरूरतमंदों को कुछ न कुछ दान करें।
कैसे देखें सूर्यग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग? सूर्यग्रहण को यूट्यूब चैनलों पर लाइव देखा जा सकता है। ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग करने के लिए Virtual Telescop, Timeanddate, CosmoSapiens चैनल प्रसिद्ध हैं।
कन्या राशि वालों के लिए ये ग्रहण लाभप्रद साबित होगा। जीवन के कई क्षेत्रों में सफलता प्राप्ति के आसार रहेंगे। आय में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
सूर्यग्रहण और शनि अमावस्या के दौरान धन लाभ के लिए के लिए अनाज, शत्रुओं के अंत के लिए काले तिल, विपत्ति से सुरक्षा के लिए छाता और शनि के प्रभाव से मुक्ति के लिए सरसों का तेल दान करें.
ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिये महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें। ग्रहणकाल के बाद गंगाजल छिड़क कर घर का शुद्धिकरण कर लें। सूर्य ग्रहण के अगले दिन आप तांबा, गेहूं, गुड़ और तांबे का दान करना चाहिए।
भारत में नहीं दिखेगा यह सूर्य ग्रहण। इसलिए यहां सूतक का प्रभाव नहीं माना जाएगा। मुख्य रूप से यह ग्रहण अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में दिखाई पड़ेगा।
सूर्य ग्रहण के दौरान गरीबों और जरूरतमंदों को सामर्थ्य अनुसार दान-पुण्य अवश्य करें। कहते हैं कि इसके दान करने से अमोघ फलों की प्राप्ति होती है।
-मन ही मन ईश्वर की अराधना करनी चाहिए।-सूर्य देव के बीज मंत्र का जप करना चाहिए।-सूर्य ग्रहण के लगने से ठीक पहले खाने-पीने की वस्तुएं जैसे पके हुए भोजन, दूध, दही, घी, मक्खन, अचार, पानी, आदि में कुश या तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिए।-ग्रहण के तुरंत बाद नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर लें। उसके बाद पूजन करें।-ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए ग्रहण की समाप्ति के बाद जरूरतमंदों को कुछ न कुछ दान करें।
कुंभ राशि वालों को करियर में अच्छी तरक्की प्राप्त होने के आसार रहेंगे। करियर में आ रही बाधाओं से मुक्ति मिलेगी। मान-सम्मान में बढ़ोतरी के प्रबल आसार हैं।
मेष राशि वालों को धोखा मिलने की संभावना रहेगी। धन हानि हो सकती है। स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे।
सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन करना वर्जित माना गया है. सूर्य ग्रहण के दौरान कोई भी नया काम आरंभ न करें और ना ही मांगलिक कार्य करें. ग्रहण के समय सोना नहीं चाहिए. नाखून काटना, कंघी करना वर्जित माना गया है. ग्रहण से पहले पके हुए भोजन में तुलसी का पत्ता डालकर रख दें.
सूर्य ग्रहण का कर्क, सिंह, तुला और मीन वालों पर मिला-जुला असर पड़ेगा। यानी इन राशि के लोगों के लिए न तो ग्रहण बहुत शुभ है और न ही अशुभ।
धनु राशि वालों को नुकसान होने की संभावना है। खर्चों में अचानक से बढ़ोतरी हो सकती है। अस्पताल के चक्कर लगने के आसार रहेंगे।
मकर राशि वालों की आमदनी में बढ़ोतरी हो सकती है। वरिष्ठ लोगों से आपके संबंध अच्छे रहेंगे। नौकरी में प्रमोशन की प्रबल संभावना दिखाई दे रही है।
वृष राशि- आपके लिए यह सूर्यग्रहण शुभ रहेगा। करियर में आपको ऊंचा पद और मान सम्मान हासिल होगा।
मान्यताओं के अनुसार जब भी ग्रहण लगता है उसके कुछ घंटों पहले से सूतक काल शुरू हो जाता है। सूतककाल का समय शुभ नहीं होता है इसलिए इस दौरान किसी भी तरह का कोई भी शुभ कार्य या पूजा-पाठ नहीं किया जाता है। सूर्य ग्रहण के समय 12 घंटे पहले से सूतक काल लग जाता है। भारत में इस ग्रहण को देखा नहीं जा सकेगा इस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
सूर्य ग्रहण की शुरुआत सुबह 11 बजे के करीब होगी और इसकी समाप्ति दोपहर 3 बजकर 7 मिनट पर होगी। ये साल 2021 का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा। क्योंकि ये ग्रहण भारत में नहीं लग रहा है इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। ये एक पूर्ण सूर्य ग्रहण है। पूर्ण सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आकर सूर्य को ढक लेता है इससे सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती।
जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है और सूर्य की किरणें धरती तक नहीं पहुंच पाती, इस घटना को पूर्ण सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
जिन व्यक्तियों की कुंडली में सूर्य देव की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो, उन्हें ग्रहणकाल के दौरान सूर्य देव की शांति करनी चाहिए. ग्रहण काल के दौरान भजन-कीर्तन और जप के माध्यम से ईश्वर को याद करने की सलाह दी जाती है.
जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्र तीनों अपना-अपना परिक्रमा चक्र पूरा करते हुए एक सीधी रेखा में आ जाते हैं। तो इस स्थिति में चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में इस तरह से आ जाता है कि इससे सूर्य की रोशनी प्रभावित होती है। ऐसे में सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता। इसे ही सूर्य ग्रहण लगना कहा जाता है।
सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या का साथ-साथ होना एक बड़ा संयोग है। इसका भारतीय ज्योतिष और ग्रह-नक्षत्रों में बड़ा प्रभाव बताया गया है।
भारत में नहीं दिखेगा यह सूर्य ग्रहण। इसलिए यहां सूतक का प्रभाव नहीं माना जाएगा। मुख्य रूप से यह ग्रहण अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में दिखाई पड़ेगा।
सूर्य ग्रहण के दौरान लगातार भगवान भास्कर के नाम का जाप करते रहना चाहिए। इससे संकट दूर होते हैं और राशि पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव भी दूर होते हैं।
सामान्य रूप से ग्रहण चाहे सूर्य का हो या चंद्र का, उसका कुछ न कुछ असर सभी राशियों पर पड़ता है। ऐसे में उसके बुरे प्रभाव से बचने के लिए ग्रहण की समाप्ति के बाद जरूरतमंदों को कुछ न कुछ दान जरूर करें।
सूर्य ग्रहण के दौरान बाजार जाना और खरीदारी करना दोष माना जाता है। इस दौरान सिर्फ भगवान का जप करना और आराधना करना ही श्रेष्ठ है।
सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से ठीक 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किये जाते। सूतक काल की अवधि में खाना बनाना और पकाना दोनों मना होता है। भगवान की मूर्ति और तुलसी का पौधा स्पर्श नहीं कर सकते। इस दौरान सोने से भी बचना चाहिए।
सूर्य ग्रहण के दौरान गरीबों और जरूरतमंदों को सामर्थ्य अनुसार दान-पुण्य अवश्य करें। कहते हैं कि इसके पुण्य प्रताप से अमोघ फलों की प्राप्ति होती है।
सूर्य ग्रहण के दौरान जूते का दान करना लाभदायी होता है। ऐसा करने से जीवन में समृद्धि का आगमन होता है। जूते का दान करने से राहु-केतु का प्रभाव कम होता है।
अमावस्या के दिन दान आदि करने से पितरों को सद्गति की प्राप्ति होती है। इसके लिए शनैश्चरी अमावस्या के दिन अन्न-जल का दान करना चाहिए। इतना ही नहीं, जरूरतमंदों की आर्थिक सहायता करें।
सूर्य ग्रहण के दौरान मन ही मन सूर्य देव की अराधना करें। भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें। ग्रहण की समाप्ति के बाद जरूरतमंदों को कुछ न कुछ दान करें। ऐसी मान्यता है कि इससे ग्रहण का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता। ग्रहण काल में भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र या मृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।
यह ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में होगा। इस ग्रहण में सूर्य का संयोग केतु से बनने जा रहा है। साथ ही इस ग्रहण में चन्द्रमा और बुध का योग भी होगा। सूर्य और केतु का प्रभाव होने से दुर्घटनाओं की संभावना बन सकती है। साथ ही राजनैतिक रूप से उथल-पुथल मच सकती है।
– इस साल सूर्य ग्रहण के साथ शनिश्चरी अमावस्या का भी संयोग बन रहा है, इस दिन लोहा, सरसों का तेल, काली उरद और काले रंग के कपड़ों को खरीद कर घर नहीं लाना चाहिए।
– ग्रहण के दिन कोई भी शुभ काम न करें। क्योंकि इस दिन शनि अमावस्या भी है।
– गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान गलती से भी बाहर न निकलें.
गर्भवती महिलाओं को भी इस दौरान खास देखभाल की जरूरत होती है। कहते हैं कि सूर्य ग्रहण के दौरान बच्चे पर प्रभाव पड़ता है। ऐसे में महिलाएं घर के अंदर ही रहें।
इस राशि वालों के लिए सूर्य ग्रहण फायदेमंद साबित होगा। नौकरी प्राप्ति के योग बनेंगे। शत्रुओं पर आप भारी पड़ेंगे। कोर्ट कचहरी के मामलों में विजय प्राप्त होने की उम्मीद रहेगी। आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा। जीवन की कई परेशानियों का अंत होने के आसार रहेंगे। कोई सुखद समाचार सुनने को मिल सकता है। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी।