शनि का नाम सुनते ही लोगों के मन में डर बैठ जाता है। ज्योतिष में शनि को एक महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है। शनि देव को दंडाधिकारी के नाम से भी जाना जाता है। शनि के न्याय प्रिय देवता हैं। लोगों को उनके कर्मों के अनुसार उन्हें दंड देने का कार्य शनि देव का ही है।
ज्योतिष के अनुसार शनि एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने के लिए लगभग ढाई साल का समय लेते हैं, इनकी बेहद धीमी चाल मानी गई है। वर्तमान समय में शनि देव कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं। बता दें कि बीते 29 अप्रैल 2022 को शनि का राशि परिवर्तन हुआ था, जिसके बाद से ही शनि देव कुंभ राशि में विराजमान हैं। शनि की प्रिय राशि कुम्भ है जिसके वह राशि स्वामी भी हैं। अपने प्रिय राशि में शनि देव विराजमान हैं और उनकी स्वराशि पर भी शनि की साढ़े साती चल रही है।
पंचांग और ज्योतिष गणना के अनुसार वर्तमान समय में तीन राशियों पर शनि की साढे़ साती चल रही है। जिसमें मकर राशि और कुम्भ राशि के साथ मीन राशि भी शामिल है। आइए जानते हैं कि इन पर साढ़े साती का कौन सा चरण चल रहा है और इनसे बचने के क्या उपाय हैं-
मकर राशि (Capricorn): ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर राशि के जातकों पर शनि का प्रकोप शुरू हो चुका है। ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक इस राशि पर शनि साढ़े साती का आखिरी चरण चल रहा है। ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक शनि की साढ़े साती का आखिरी चरण बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान जातकों पर आ रही बाधाओ में पहले के मुकाबले कमी देखने को मिलती है। साथ ही शनि जाते-जाते कुछ न कुछ लाभ अवश्य प्रदान करते हैं।
कुंभ राशि (Aquarius): यह राशि शनि की प्रिय राशि है, शनि इसके स्वामी भी हैं। शनि अभी इसी राशि में विराजमान हैं। लेकिन इस राशि पर भी साढ़े साती चल रही है। इसपर शनि का दूसरा चरण चल रहा है। यह चरण उतना कष्टकारी साबित नहीं होगा लेकिन गलत कामों से दूरी बनाकर रखनी होगी। अन्यथा कठोर दंड के मिल सकते हैं, प्रदान करेंगे। क्योंकि दूसरे चरण को साढ़े साती का शिखर चरण बताया गया है।
मीन राशि (Pisces): ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मीन राशि पर साढ़े साती का पहला चरण अभी आरंभ हुआ है। ज्योतिष शास्त्र में इस चरण को को उदय चरण भी कहा जाता है। इस दौरान मीन राशि वालों को अपने जॉब, करियर और व्यवसाय में विशेष ध्यान देना होगा। इस दौरान सेहत को लेकर भी सतर्क रहना होगा, साथ ही कोई जोखिम उठाने से बचें।
शनि देव को खुश करने के ज्योतिषीय उपाय
ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को दंडाकारी और कर्मफलदाता कहा गया है। शनि देव अच्छे-बुरे कार्यों के आधार पर ही शनिदेव फल प्रदान करते हैं। आइए जानते हैं शनि देव को खुश कर उनसे शुभ फल कैसे प्राप्त कर सकते हैं।
- कमजोर को व्यक्ति को कभी सताएं नहीं।
- किसी प्रकार का कभी मन में भी लोभ की भावना न आने दें।
- अपने धन का प्रयोग दूसरों के अहित के लिए कभी भुलवश भी न करें।
- पशु-पक्षियों और जीवों पर किसी प्रकार का अत्याचार न करें और न ही उन्हें किसी प्रकार से क्षति न पहुंचाएं।
- मेहनती व्यक्तियों को किसी भी प्रकार से परेशान न करें।
- किसी वृद्ध या बुजुर्ग का अपमान न करें, उनका सम्मान करें।