ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को विशेष स्थान प्राप्त है। शनि देव को न्याय प्रिय ग्रह कहा गया है और यह व्यक्ति को कर्मो के हिसाब से फल प्रदान करते हैं। मतलब व्यक्ति जैसे कर्म करता है शनि देव उसे वैसे ही फल देते हैं। इसलिए वैदिक ज्योतिष अनुसार जब भी शनि देव एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो किसी राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का प्रभाव शुरू होता है तो किसी को साढ़ेसाती से मुक्ति मिलती है। शनि देव 12 जुलाई को मकर राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। जिससे कुछ राशियों पर साढ़ेसाती का कष्टकारी चरण शुरू हो जाएगा। आइए जानते हैं…
अप्रैल में शनि देव ने किया था गोचर:
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 29 अप्रैल को शनि देव ने अपनी स्वराशि कुंभ में प्रवेश किया था। जिसके बाद मीन राशि वालों पर साढ़ेसाती का प्रथम चरण शुरू हो गया था। तो वहीं धनु राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिल गई थी। वहीं अगर मकर राशि के लोगों की बात करें तो मकर राशि के लोगों पर साढ़ेसाती का आखिरी चरण शुरू हो गया, जो सबसे कष्टकारी और परेशानियों से भरा माना जाता है।
इन राशियों पर शुरू होगा साढ़ेसाती का कष्टकारी चरण:
वैदिक पंचांग के अनुसार 12 जुलाई को शनि देव दोबारा वक्री अवस्था में मकर राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। जिससे बाद मीन राशि के लोगों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी। लेकिन धनु राशि वालों पर फिर से साढ़ेसाती का तीसरा चरण शुरू हो जाएगा। जो 17 जनवरी 2023 तक रहेगा। इस चरण में शनि देव पैरों और घुटनों से संबंधित परेशानियां देते हैं।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि ग्रह की साढ़ेसाती की अवधि साढ़े 7 के लिए होती है। वहीं शनि की ढैय्या का समय ढाई साल का होता है। आपको बता दें कि शनि ग्रह जन्मकुंडली में शुभ स्थिति में स्थित हैं तो शनि की इन दशाओं में व्यक्ति को कम कष्ट भोगने पड़ने लगते हैं। वहीं अगर शनि ग्रह कुंडली मे निगेटिव स्थित हैं तो मनुष्य को काफी कष्टों का सामना करना पड़ता है। कामों में रुकावट आती है। मेहनत का पूरा फल प्राप्त नहीं होता है। रोग- व्याधि घेर लेते हैं।