Raj Yog In Kundli: वैदिक ज्योतिष में शनि देव को अहम ग्रह माना जाता है। साथ ही शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है। मतलब शनि देव व्यक्ति को कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। आपको बता दें कि शनि देव तुला राशि में उच्च के होते हैं और मेष राशि में नीच के माने जाते हैं। साथ ही अगर व्यक्ति की कुंडली में शनि देव के प्रभाव से अगर राजयोग का निर्माण हो रहा हो तो व्यक्ति करियर के शिखर तक पहुंचता है। साथ ही उसको व्यापार में अच्छी सफलता मिलती है। आइए जानते हैं शनि ग्रह से बनने वाले राजयोग और मानव जीवन पर उनका प्रभाव…
1- शश महापुरुष योग
वैदिक ज्योतिष अनुसार कुंडली में शश योग का निर्माण शनि देव के द्वारा होता है। साथ ही शश योग पंच महापुरुष योग में शामिल है। इस योग का निर्माण तब होता है जब शनि कुंडली में मकर, कुम्भ या तुला राशि में हो तो यह योग बन जाता है। सात ही इसके लिए शनि लग्न से केंद्र में होना चाहिए। इस योग के प्रभाव से जातक को प्रशासनिक पद प्राप्त होता है। साथ ही शनि ग्रह से सबंधित व्यापार में अच्छा धन कमाता है।- जैसे- (ऑयल, पेट्रोलियम, लोहा, खनिज)। साथ ही इस योग के प्रभाव से व्यक्ति मेहनती और कर्मठ होता है। वह भाग्य से ज्यादा कर्म पर विश्वास रखता है।
2- सप्तमस्थ शनि योग
ज्योतिष मुताबिक अगर किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में शनि देव सप्तम स्थान में विराजमान है तो यह बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा व्यक्ति कम समय में ही धनवान बन जाता है। क्योंकि शनि सप्तम भाव में दिग्बली हो जाता है। ऐसे व्यक्तियों की गूढ़ विद्या में भु रूचि होती है। साथ ही ये लोग लग्जरी लाइफ जीना पसंद करते हैं। वहीं ऐसा व्यक्ति का भाग्योदय विवाह के बाद होता है।
3- शनि- शुक्र योग
शुक्र ग्रह को ज्योतिष में धन, वैभव, ऐश्वर्य और भौतिक सुख का कारक माना जाता है। वहीं शनि देव कर्म और स्थिरता के कारक हैं। इसलिए जिस व्यक्ति के कुंडली में शनि और शुक्र देव एक साथ विराजमान होते हैं। वह व्यक्ति जीवन में सभी भौतिक सुखों की प्राप्त करता है। व्यक्ति को राज्य सुख और अपार वैभव की प्राप्ति होती है। वह मीडिया, फिल्म लाइन, फैशन डिजाइनिंग से संबंधित क्षेत्रों में अच्छा नाम और शोहरत कमाता है।