Neeli Lucky Stone: रत्न शास्त्र में रत्नों के साथ उपरत्नों का भी वर्णन मिलता है। क्योंकि रत्न बाजार में बहुत महंगे मिलते हैं और उपरत्न सस्ते मिल जाते हैं। यहां हम आज बात करने जा रहे हैं नीली उपरत्न के बारे में, जिसका संबंध कर्मफल और न्याया प्रदाता शनि देव से माना जाता है। नीली रत्न देखने में नीलम की तरह ही होता है। साथ ही ये बाजार में आसानी से मिल जाता है। आइए जानते हैं नीली किन राशि के लोगों को शुभ फलदायी रहती है और कैसे करनी चाहिए धारण…
नीली पहनने के लाभ
नीली धारण करने से व्यक्ति के करियर और कारोबार में सफलता मिलती है। साथ ही नीली पहनने से व्यक्ति के अंदर एक अगर का स्थायित्व आता है। साथ ही उसकी वाणी प्रभावित होती है। वह मेहनती और कर्मठ भी बनता है। सात ही वो अच्छा डिसीजन लेने में सक्षम होते हैं। किसी व्यक्ति के ऊपर जादू- टोना या भूत प्रेत का चक्कर हो तो भी नीली उपरत्न धारण करने से लाभ होता है। वहीं नीली पहनने से शनि दोष से भी मुक्ति मिलती है। साथ ही जिन व्यक्ति पर साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही है, वो लोग नीली पहन सकते हैं।
ये लोग पहन सकते हैं नीली
ज्योतिष अनुसार नीली उपरत्न वृष राशि, मिथुन राशि, कन्या राशि, तुला राशि, मकर राशि और कुंभ राशि के लोग पहन सकते हैं। साथ ही अगर शनि देव कुंडली में उच्च या शुभ स्थित हैं, तो भी नीली धारण कर सकते हैं। वहीं अगर आप पर शनि की महादशा और शनि की स्थिति कुंडली में शुभ है, तो भी नीली पहनी जा सकती है। लेकिन अगर कुंडली में शनि देव नीच के स्थित हैं तो नीली पहनने से बचें। साथ ही नीली के साथ माणिक्य, मोती और मूंगा पहनने से बचें।
नीली धारण करने की सही विधि
नीली को बाजार से कम से कम सवा 7 से सवा 8 रत्ती का धारण करना चाहिए। साथ ही नीली को पंचधातु या चांदी में जड़वाकर पहन सकते हैं। नीली शनि की होरा या शनिवार के दिन पहन सकते हैं। नीली को दूध और गंगाजल से शुद्ध करके मध्यमा मतलब बीच वाली उंगली में धारण करना चाहिए। साथ ही धारण करने के बाद शनि ग्रह से संबंधित कुछ दान निकालकर मंदिर के किसी पुजारी को देकर आएं।