ज्योतिष शास्त्र में यह कहा जाता है कि शनि ग्रह व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक और सकारात्मक प्रभाव देते रहते हैं। वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह को क्रूर ग्रह बताया जाता है, लेकिन शनि शत्रु नहीं बल्कि मित्र है। बताया जाता है कि शनि देव कलयुग के न्यायाधीश हैं और लोगों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। अच्छे कर्म करने वालों को अच्छे फल और बुरे कर्म करने वालों को बुरे फल देना शनिदेव का मुख्य कार्य है, इसलिए शनिदेव को न्याय का देवता भी कहा जाता है।
शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए शनि ग्रह के उपाय किए जाते हैं। इनमें शनिवार का व्रत, हनुमान जी की आराधना, शनि मंत्र, शनि यंत्र, छायापात्र दान करना आदि प्रमुख उपाय हैं। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि जो लोग शनि ग्रह के दुष्प्रभावों से परेशान हैं, उन्हें शनि ग्रह के उपाय करने चाहिए। मान्यता है कि शनिदेव के उपाय बहुत प्रभावशाली होते हैं, इसलिए इनका असर बहुत मिलने लगता है। आइए जानते हैं इनके उपाय-
शनिदेव के लिए रखें व्रत: न्यायाधीश शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार का व्रत करके शनिदेव की विशेष पूजा, शनि प्रदोष व्रत रखना चाहिए। इसके अलावा शनि मंदिर में जाकर दीप भेंट करना आदि विधि विधान से करना चाहिए।
शनि शांति के लिये दान करें: शनि ग्रह को शांत करने के लिए व्यक्ति को शनि से संबंधित वस्तुओं (साबुत उड़द, लोहा, तेल, तिल के बीज, पुखराज रत्न, काले कपड़े आदि) का दान शनिवार के दिन, शनि की होरा एवं शनि ग्रह के नक्षत्रों (पुष्य, अनुराधा, उत्तरा भाद्रपद) में दोपहर अथवा शाम को करना चाहिए।
दीपक जलाएं एवं तेल दान करें: शनिवार की शाम को पीपल के पेड़ की पूजा करने के बाद शनिदेव का ध्यान करते हुए सरसों के तेल का दीपक जलाएं। संभव हो तो शनिदेव के मंत्रों का भी जाप करें। इसके अलावा शनिवार के दिन एक कटोरी सरसों का तेल लें। इस तेल में अपने छवि देखें। फिर इस तेल से दीपक जलाकर शनिदेव के मंदिर में रख दें।
यह उपाय भी करें: शनि के शांति के लिए व्यक्ति नीलम रत्न को धारण कर सकता है। यह रत्न मकर और कुंभ राशि के जातक ही धारण कर सकते हैं। यह रत्न शनि के नकारात्मक प्रभावों से बचाता है। इसके अलावा जीवन में शांति, कार्य सिद्धि और समृद्धि के लिए शुभ शनि यंत्र की पूजा करें। शनि यंत्र को शनिवार के दिन शनि की होरा एवं शनि के नक्षत्र में धारण करें।