वैदिक ज्योतिष अनुसार जब भी कोई ग्रह राशि परिवर्तन करता है, तो उसका सीधा प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है। आपको बता दें साल 2022 में कई ग्रह राशि परिवरर्तन करते जा रहे हैं। वहीं शनि देव भी 29 अप्रैल को कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। 29 अप्रैल को शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही मीन राशि वालों पर शनि साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी जबकि धनु राशि वालों को इससे मुक्ति मिल जाएगी।
शनि देव को कर्म फलदाता और न्याय का देवता कहा जाता है। वैदिक ज्योतिष में 27 नक्षत्र, 12 राशियां और 9 ग्रहों का वर्णन मिलता है। शनि देव को को भी नवग्रहों में स्थान प्राप्त है। शनि की जब साढ़े साती या ढैय्या किसी भी राशि पर आरंभ होती है, तो व्यक्ति को कई प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ता है।
वैदिक ज्योतिष में शनि देव को कर्म फलदाता और आयु प्रदाता बताया गया है। मान्यता है शनि देव कर्मों के हिसाब से फल प्रदान करते हैं। कुंभ राशि में शनि के राशि परिवर्तन करते ही दो राशि वालों पर शनि ढैय्या शुरू हो जाएगी, तो वहीं एक राशि पर साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।
शनि अपनी इन दशाओं में व्यक्ति को शिक्षा, जॉब, करियर, बिजनेस, दांपत्य जीवन, लव रिलेशन और सेहत से जुड़ी परेशानियां प्रदान करते हैं। यही कारण है कोई भी शनि देव को नाराज नहीं करना चाहता है हर कोई उनकी शुभ दृष्टि चाहता है। वर्तमान समय में शनि साढ़े साती और ढैया किन राशियों पर चल रही है, आइए जानते हैं-
शनि की साढ़े साती: वैदिक पंचांग के अनुसार साल 2022 में 1 जनवरी से लेकर 29 अप्रैल तक धनु, मकर और कुंभ वालों पर शनि साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा। ज्योतिष शास्त्र में शनि की चाल को बेहद धीमा बताया गया है। 29 अप्रैल को शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही मीन राशि वालों पर शनि साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी जबकि धनु राशि वालों को इससे मुक्ति मिल जाएगी।
शनि की ढैय्या: मिथुन राशि और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। बता दें कि साल 2022 में 8 राशियों पर शनि देव की नजर रहेगी और 4 राशि वाले शनि की दशा से मुक्त रहेंगे। मेष, वृषभ, सिंह और कन्या राशि शनि की दशा से मुक्त रहेंगी।
शनि का राशि परिवर्तन 2022: वर्तमान में समय मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। पंचांग के अनुसार 29 अप्रैल 2022 से शनि देव कुंभ राशि में गोचर करेंगे। मकर और कुंभ ये दोनों ही राशियां शनि देव की अपनी राशि मानी जाती हैं क्योंकि शनि इन राशियों के स्वामी ग्रह हैं।
शनि दोष मुक्ति के लिए करें ये उपाय: मकर संक्रांति को स्नान के बाद शनि देव की पूजा करें। पूजा में काले तिल अर्पित करें। पूजा के बाद गरीब, जरूरतमंद लोगों को सरसों का तेल, काला तिल, तिल के लड्डू, गरम वस्त्र आदि दान करें। इससे शनि देव प्रसन्न होंगे और आपको आशीर्वाद प्रदान करेंगे। मकर संक्रांति के दिन चावल के दान का भी विशेष महत्व है।