Seven Mukhi Rudraksh Benefits: शास्त्रों में रुद्राक्ष की उत्पत्ति भोलेनाथ के आंसुओं से मानी जाती है। इसका प्रमाण शिव पुराण आदि ग्रंथों में मिलता है। रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। साथ ही माना जाता है रुद्राक्ष शिवजी का मनपसंद आभूषण है। साथ ही दैवीय गुणों से भरपूर रुद्राक्ष को स्वयं भगवान शिव का स्वरुप भी कहा जाता है।
शास्त्रों में 16 मुखी रुद्राक्ष का वर्णन मिलता है। जिसमें से कुछ रुद्राक्ष लुप्त हो चुके हैं। हम यहाें बात करने जा रहे हैं 7 मुखी रुद्राक्ष के बारे में। मान्यता है कि 7 मुखी रुद्राक्ष (Seven Mukhi Rudraksh) को धारण करने से व्यक्ति की धन-संबंधी सभी समस्या दूर हो जाती है। साथ ही करियर और व्यापार में तरक्की मिल सकती है। आइए जानते हैं दस मुखी रुद्राक्ष के बारे में…
कैसा होता है रुद्राक्ष
रुद्राक्ष का पेड़ होता है और पेड़ पर ही रुद्राक्ष का बीज आता है। सबसे अच्छा रुद्राक्ष इंडोनेशिया और नेपाल आ बाजार में आता है। हालांकि भारत में भी कई पहाड़ी इलाकों में एक विशेष ऊंचाई पर यह पेड़ पाया जाता है।
सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ (Benefits Of Rudrakash)
ज्योतिष अनुसार सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से धन आगमन के मार्ग खुलते हैं। साथ ही सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति की आय स्त्रोतों में वृद्धि होने लगती हैं। वहीं मां लक्ष्मी की कृपा ऐसे व्यक्ति पर सदैव बनी रहती है। वहीं सात मुखी रुद्राक्ष का संबंध शनि ग्रह से माना जाता है। इसलिए जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही हो या कुंंडली में शनि ग्रह नकारात्मक स्थित हों वो लोग भी सात मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले के ऐश्वर्य में लगातार वृद्धि होती है तथा गुप्तधन की प्राप्ति या अचानक धनलाभ हो सकता है।
रुद्राक्ष धारण करने की सही विधि (Method of Wearing Rudraksh)
रुद्राक्ष को धारण करने के लिए सावन का महीना, मास की शिवरात्रि या सोमवार का दिन शुभ माना जाता है। रुद्राक्ष को धारण करने से पहले एक चांदी या तांबे की कटोरी में दूध, दही, शहद, घी, एवं शक्कर लेकर के मिला लें। फिर इस मिश्रण में रुद्राक्ष को डुबो दें। इसके बाद ऊं नम: शिवाय का 108 बार जाप करें और फिर शिवलिंग से स्पर्श कराकर रुद्राक्ष को गले में धारण कर लें।