भोलेनाथ का प्रिय सावन महीना चल रहा है। कहते हैं कि इस महीने में पड़ने वाले सावन की शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक इस बार शिवरात्रि 30 जुलाई दिन मंगलवार को पड़ रही है। धर्मशास्त्र के जानकार इसे सावन का सबसे पुण्य फलदायी मान रहे हैं। इस दिन शिव-भक्त महादेव को जलाभिषेक कर सुख और समृद्धि की कामना करते हैं। मान्यता है कि सावन शिवरात्रि पर शिव को जल अर्पित करने से न केवल वे प्रसन्न होते हैं, बल्कि भक्तों की सभी कामना जल्द ही पूरी करते हैं। आगे जानते हैं कब है सावन की शिवरात्रि और इस दिन भोलेनाथ की आराधना क्यों खास होती है।
शिव पुराण में ऐसा वर्णन मिलता है कि सावन में भगवान शिव माता पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय, नंदी और अपने सभी गणों सहित पृथ्वी पर विराजते हैं। ऐसे में जो भक्त की विधिवत आराधना करता है, उसकी हर एक मनोकामना को भगवान शिव जल्द ही पूरी करते हैं। साथ ही महामृत्युंजय बनकर भगवान शिव अपने भक्तों की रक्षा भी करते हैं। इसके अलावा जब भगवान शिव अपने शंकर स्वरूप में आते हैं तो भक्तों का पालन-पोषण भी करते हैं। इसलिए भक्त देवाधिदेव शिव को खुश करने के लिए सावन की शिवरात्रि पर इनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। इस महीने सावन शिवरात्रि का पर्व 30 जुलाई को मनाया जाएगा।
इस दिन मनाया जाएगा शिवरात्रि का पर्व: आमतौर पर हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि पड़ती है। परंतु सावन और फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी का विशेष महत्व बताया गया है। फाल्गुन मास में पड़ने वाली चतुर्दशी महाशिवरात्रि के रूप में मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव का मां पार्वती के साथ विवाह हुआ था।
शिवरात्रि पर इस मंत्र से करें शिव की पूजा: समस्त सांसरिक कष्टों से छुटकारा पाने के लिए भगवान शिव को गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक करें। अभिषेक करते समय “ॐ नमो भगवते रुद्राय। ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नों रुद्रः प्रचोदयात” इस मंत्र को पढ़ें। साथ ही अपने सामर्थ्य के अनुसार पूजन सामाग्री शिव को अर्पित करें। यहां ध्यान रखना है कि भगवान शिव को जो कुछ भी चढ़ाएं उसे पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ। इस प्रकार शिवरात्रि पर शिव का पूजन करने से इच्छित कामना भगवान शिव जल्द ही पूरी करते हैं।