sawan somvar vrat 2019: 29 जुलाई को सावन का दूसरा सोमवार है। वैसे तो हर सोमवार भगवान शिव की अराधना का दिन होता है। लेकिन सावन में पड़ने वाले सोमवार का अपना अलग महत्व होता है। मान्यता अनुसार 16 सोमवार व्रत को काफी प्रभावशाली माना जाता है लेकिन सावन में आने वाले सोमवार का इस व्रत से भी कई गुना ज्यादा प्रभाव होता है। कहा जाता है कि जो जातक सावन में आने वाले सभी सोमवार का व्रत रखता है उसकी सभी मनोकामनओं की पूर्ति जल्द ही हो जाती है। लेकिन हिंदू धर्म में हर व्रत की एक पूजा विधि होती है कुछ नियम होते हैं। जिसके अनुसार व्रत रखा जाता है। यहां आप जानेंगे सावन सोमवार व्रत की पूजी विधि…
सावन सोमवार व्रत विधि- यदि आपको व्रत रखना है तो आपको सुबह प्रात: काल उठकर सभी दैनिक कार्यों को करने के बाद स्वच्छ जल से स्नान करना चाहिए। हो सके तो स्नान करने वाले जल में थोड़ा सा गंगाजल मिला लेना चाहिए। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद पूजा घर या फिर मंदिर में जाना चाहिए।
शिव की मूर्ति, तस्वीर या फिर शिवलिंग में से जो भी हो उसे स्वच्छ जल से धो लेना चाहिए। फिर तांबे के लोटे या किसी अन्य पात्र में जल भरकर उसमें गंगाजल मिला लें। इसके बाद शिव जी का जलाभिषेक करना चाहिए और उनपर भांग, धतूरा, अक्षत्, सफेद फूल, धूप, सफेद चंदन आदि अर्पित करने चाहिए। प्रसाद में कोई फल या फिर मिठाई चढ़ानी चाहिए। लेकिन साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि भूल से भी शिव जी पर हल्दी, तुलसी का पत्ता, केतकी का फूल अर्पित नहीं करें। यदि आपने ऐसा कर दिया तो आपको व्रत का फल नहीं मिलेगा। इसके बाद शिव के मंत्रों का रूद्राक्ष की माला से जाप करना चाहिए। शिव चालीसा का पाठ करके शिव जी की आरती करें। इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को फलहार करना चाहिए। शाम को शिव पुराण का पाठ करना चाहिए।
शाम को भी शिव जी और माता पार्वती की पूजा करें। सोमवार व्रत कथा सुनें। व्रत कथा सुनने के बाद भगवान शंकर की आरती करें और प्रसाद चढ़ाएं। पूजा के बाद व्रत खोल लें। शास्त्रों के अनुसार सावन सोमवार व्रत में तीन पहर तक उपवास रखकर उसके बाद व्रत खोलना चाहिए। यानी कि एक समय भोजन करना चाहिए।