05 अगस्त को सावन का तीसरा सोमवार पड़ रहा है। इस दिन नाग पंचमी पर्व (Nag Panchami 2019) भी मनाया जायेगा। कहा जा रहा है कि 20 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब नाग पंचमी सोवमार के दिन पड़ रही है। इसलिए इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) के साथ-साथ नागों की पूजा करने से भी विशेष लाभ प्राप्त होगा। सावन सोमवार व्रत (Sawan Somvar vrat) को श्रेष्ठ व्रत माना जाता है। कहा जाता है कि सावन के सभी सोमवार खास होते हैं। इन दिनों जो जातक सच्चे मन से शिव की उपासना करता है भगवान शिव उसकी सारी इच्छाएं पूरी कर देते हैं। सावन के तीसरे सोमवार के दिन श्रीवत्स योग, रवि योग और हस्त नक्षत्र भी रहेगा। इस लिहाज से भी यह दिन काफी शुभकारी होने वाला है।
सावन सोमवार पूजा विधि (Sawan Somwar puja vidhi) : स्कंदपुराण के अनुसार सावन सोमवार व्रत रखने वाले जातक को एक समय भोजन करने का प्रण लेना चाहिए। भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए। पार्वती जी की पुष्प, धूप, दीप और जल से पूजा करनी चाहिए। इसके बाद भगवान शिव को दूध, जल, कंद मूल आदि अर्पित करें। सावन के प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव को जल अवश्य अर्पित करना चाहिए। भगवान शिव के जलाभिषेक में भांग, धतूरा, अक्षत्, सफेद फूल, धूप, सफेद चंदन इत्यादि चीजों का प्रयोग करना चाहिए। प्रसाद में कोई फल या फिर मिठाई चढ़ानी चाहिए। रात्रि के समय जमीन पर सोना चाहिए। इसके बाद शिव के मंत्रों का रूद्राक्ष की माला से जाप करना चाहिए। शिव चालीसा और शाम के समय शिव पुराण का पाठ करना चाहिए।
शिव पूजा में इन बातों का रखें ध्यान: भगवान शिव की पूजा के समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि भूल से भी शिव जी पर हल्दी, तुलसी का पत्ता, केतकी का फूल अर्पित नहीं करें। यदि आपने ऐसा कर दिया तो आपको व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होगा।
सावन के सोमवार की पूजा विधि (Sawan Somvar puja vidhi) : जिन जातकों ने व्रत नहीं रखा है वो भी इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा कर उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं। उसके लिए आप सावन सोमवार वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें। घर की सफाई कर स्नान इत्यादि काम कर लें। इसके बाद पूरे घर में गंगा जल या पवित्र जल का छिड़काव करें। घर में मंदिर या फिर किसी पवित्र स्थान पर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। ध्यान रखें कि सावन सोमवार के दिन भगवान शिव के साथ-साथ देवी पार्वती की भी पूजा की जाती है। फिर तांबे के लोटे या किसी अन्य पात्र में जल भरकर उसमें गंगाजल मिला लें। इसके बाद शिव जी का उस जल से जलाभिषेक करें और उनपर भांग, धतूरा, अक्षत्, सफेद फूल, धूप, सफेद चंदन आदि वस्तुएं अर्पित करें। प्रसाद में कोई फल या मिठाई चढ़ाएं। सावन सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करना भी फलदायी माना जाता है।