आज सावन का दूसरा सोमवार है। शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लग चुका है। भक्त आज मंदिरों और घरों में विशेष पूजा अर्चना कर रहे हैं। शिव का जलाभिषेक किया जा रहा है। चारों तरफ का माहौल भक्तिमय हो गया है। आज का दिन इसलिए भी खास है क्योंकि आज भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रखा जाने वाला सोम प्रदोष व्रत भी है। साथ ही शिव भक्तों के लिए अगला दिन यानी मंगलवार का दिन भी खास रहने वाला है क्योंकि इस दिन शिवरात्रि पड़ रही है। कुल मिलाकर दो दिनों तक शिव की भक्ति में लोग डूबे रहेंगे।
सावन का महीना हिंदू धर्म के लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि इन दिनों भगवान शिव की अराधना की जाती है। सावन में आने वाले सोमवार का भी काफी महत्व होता है। क्योंकि सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। वैसे तो किसी भी सोमवार व्रत को फलदायी माना गया है। लेकिन जो जातक सावन के सभी सोमवार को व्रत रखता है उसे भगवान शिव का आशीर्वाद जल्द ही प्राप्त हो जाता है। इस व्रत को भगवान शिव के 16 सोमवार व्रत से भी अधिक प्रभावशाली माना गया है।
हिंदू धर्म में कोई भी व्रत रखा जाता है तो उसकी पूजा विधि विधान के साथ की जाती है। व्रत किसी न किसी भगवान को समर्पित होता है। हर भगवान को प्रसन्न करने के लिए कोई न कोई आरती और व्रत कथा होती है। कहा जाता है कि व्रत रखने वाले व्यक्ति को व्रत कथा जरूर पढ़नी चाहिए क्योंकि बिना इसको पढ़े व्रत पूर्ण नहीं होता। तो यहां जानिए सावन सोमवार व्रत वाले दिन कौन सी कथा पढ़ी जाए… सोमवार व्रत कथा पढ़ने के लिए क्लिक करें…
सावन के महीने में सोमवार के दिन का भी काफी महत्व होता है। इस दिन भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं। विधि विधान पूजा की जाती है। किसी भी पूजा में आरती सबसे महत्वपूर्ण होती है। माना जाता है कि बिना आरती किये पूजा पूरी नहीं होती। भगवान शिव की आरती जानने के लिए यहां क्लिक करें…
सावन का दूसरा सोमवार कई मायनों में खास रहने वाला है। एक खास बात यह है कि आज भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत भी है। सावन के दूसरे सोमवार पर दूसरा शुभ संयोग यह है कि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना है जो सूर्योदय से सूर्यास्त तक रहेगा। यानी इस अवधि में आप कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं। तीसरा उत्तम संयोग यह है कि इस दिन अमृत सिद्धि योग भी बना है। इस योग में गंगा स्नान करना, शिवजी और विष्णुजी की पूजा करना काफी फलदायी होता है।
इस साल सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को पड़ा था। संतान सुख के लिए यह सोमवार बेहद खास था। साथ ही पितृदोष और कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भी यह सोमवार शुभ माना गया। सावन का दूसरा सोमवार आगामी 29 जुलाई को है। इस दिन सोम प्रदोष व्रत का भी शुभ संयोग बन रहा है। मानसिक अशांति, पारिवारिक कलह और स्वास्थ्य संबंधी समस्या से छुटकारा पाने के लिए इस दिन शिव का रुद्राभिषेक करना शुभ माना जा रहा है। सावन का तीसरा सोमवार 05 अगस्त को पड़ने वाला है।
दूसरी सोमवारी पर प्रयागराज (इलाहाबाद) के मंदिरों और शिवालयों में भी भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। यहां के मनकामेश्वर मंदिर में सुबह से ही देवों के देव महादेव को जल अर्पित करने के लिए कांवड़िये पहुंचे थे।
सावन के दूसरे सोमवार के अवसर पर आज देशभर के शिवालयों में भक्तों और कांवड़ियों का हुजूम उमड़ पड़ा है। झारखंड के देवघर से लेकर हरिद्वार की हरकी पौड़ी तक लाखों की तादाद में कांवड़िये भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए पहुंचे हैं। हरिद्वार में हरकी पौड़ी पर सोमवार की सुबह से ही लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई।
सुबह मंदिर में महाकाल का अभिषेक किया गया जिसमें दूध, दही, घी, शहद, इत्र, फूल आदि से भगवान को स्नान कराया गया। देर रात से ही अलग-अलग शहरों से आए कावड़िये भी मंदिर पहुंचने लगे। आज शाम 4 बजे महाकाल की सवारी भी शहर के भ्रमण पर निकलेगी। जिसमें, चन्द्रमौलेश्वर के रूप में भगवन शिव श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे।
भगवान शिव के प्रिय सावन महीने के दूसरे सोमवार धार्मिक नगरी उज्जैन भी शिव भक्ति के रंग में रंग गई है। देशभर से श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। भगवान महाकाल के दरबार में होने वाली भस्मा आरती को देखने के लिए गर व्यक्ति उत्साहित रहता है। दूसरी तरफ 12 ज्योतिर्लिंग मे से एक नासिक के त्रयंबकेश्वर में श्री क्षेत्र त्रंबकेश्वर के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।
भोले की नगरी कहे जाने वाली वाराणसी में बाबा श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लग चुका है। पूजा के लिए देर रात से ही भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. घंटो लाइन में लगकर इंतजार करने के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शिवभक्त बाबा श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन कर रहे हैं | काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक करने आए श्रद्धालुओं की सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं।