Sawan ke Gane: हुई सावन की शुरुआत, शिव चालीसा, आरती और भजन गाकर करें भोले भंडारी को प्रसन्न
Bhakti Songs Hindi, Lord Shiva: वैसे तो प्रत्येक सोमवार भगवान शिव की उपासना के लिये उपयुक्त माना जाता है लेकिन सावन के सोमवार की अपनी अलग महत्ता है।

Shiv Bhajan Video: 6 जुलाई से महादेव का पसंदीदा महीना सावन की शुरुआत हो रही है। संयोगवश, सावन का पहली सोमवारी भी सावन की शुरुआत के साथ ही पड़ी है। शास्त्रों में सोमवार का दिन भगवान शिव की आराधना के लिए बताया गया है। मान्यता है कि सोमवार के दिन व्रत रखने से भोले शंकर अपने भक्तों पर विशेष कृपा करते हैं। पूरे श्रावण मास में 06, 13, 20, 27 जुलाई और 03 अगस्त को सोमवार है। ऐसा माना जाता है कि सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से जीवन से सभी तरह की परेशानियों से छुटकारा मिलता है। मान्यता है कि जो भी भक्त इस महीने में सच्चे मन से भगवान शंकर की पूजा करते हैं, उनकी मुराद जरूर पूरी होती है। यहां आप देखेंगे शिव शंकर के पॉपुलर भजन…
शिवजी को भोलेनाथ कहा गया है क्योंकि ये अपने भक्तों की जल्दी सुन लेते हैं। कहा जाता है जो भक्त सच्चे मन से इन्हें याद करता है भगवान शिव उसके सारे दुख दूर कर देते हैं। शिव शंकर की पूजा बिना चालीसा के नहीं की जा सकती- जय गणेश गिरिजा सुमन, मंगल मूल सुजान
कहत अयोध्यादास तुम, देऊ अभय वरदान
वैसे तो प्रत्येक सोमवार भगवान शिव की उपासना के लिये उपयुक्त माना जाता है लेकिन सावन के सोमवार की अपनी अलग महत्ता है। सावन माह भगवान शिव की उपासना का माह माना जाता है। पर भगवान शंकर की पूजा आरती के बगैर अधूरी ही मानी जाती है।
सावन माह में कैलाश खेर द्वारा गाया गया बम बम बम लहरी भी भक्तों को खूब पसंद आता है। आप भी सुनिए भक्ति और जोश से भरे इस शिव गीत को…
अनुराधा पौडवाल के पॉपुलर शिव भजन देखें यहां…
दूर उस आकाश की गहराइयों में… एक नदी से बह रहे हैं आदियोगी… इस भजन को कैलाश खेर ने गाया है। ये गाना आते ही सभी की जुंबा पर छा गया था। आदियोगी यानि शिव के स्वरूप और विशेषताओं को बयां कर रहे इस गाने को प्रशून जोशी ने लिखा है। यूट्यूब पर इस गाने को करोड़ों बार देखा जा चुका है।
फिल्म केदारनाथ का ये मधुर गीत भी भोले के भक्तों को बेहद पसंद आता है और श्रद्धालु इस पर झूमने को मजबूर हो जाते हैं
महेशं सुरेशं सुरारातिनाशं विभुं विश्वनाथं विभूत्यङ्गभूषम्।
विरूपाक्षमिन्द्वर्कवह्नित्रिनेत्रं सदानन्दमीडे प्रभुं पञ्चवक्त्रम्।
हर हर महादेव।।