11 साल की उम्र से योग करने वाले जग्गी वासुदेव कैसे बने सद्गुरु, जानिए योग से अध्यात्म की ओर बढ़ने का उनका सफर
Jaggi Vasudev Sadhguru: जग्गी वासुदेव उर्फ सद्गुरु योग-ध्यान के प्रचारक हैं। उन्होंने ईशा फाउंडेशन के संस्थापना की है। यह फाउंडेशन सामाजिक हितों के लिए कार्य करता है।

Jaggi Vasudev Aka Sadhguru: जग्गी वासुदेव उर्फ सद्गुरु योग-ध्यान के प्रचारक हैं। उन्होंने ईशा फाउंडेशन के संस्थापना की है। यह फाउंडेशन सामाजिक हितों के लिए कार्य करता है। इस फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य योग का प्रचार-प्रसार कर उसे लोगों के लिए सुलभ बनाना हैं। सद्गुरु के अनुयायी उन्हें एक ऐसा व्यक्ति मानते हैं जो लोगो के जीवन में प्रकाश भरने का और उनको नई दिशा दिखाने का काम करता हैं। कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि आखिर सद्गुरु को किसने ज्ञान दिया और उनके गुरु कौन हैं?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सद्गुरु बचपन से कर्नाटक के मैसूर शहर में रहा करते थे। उनके घर के आसपास बहुत घना जंगल था। सद्गुरु की जब भी इच्छा होती थी तब वह उन जंगलों में चले जाया करते थे और कई दिनों बाद वहां से लौटकर आया करते थे। उन्हें कई दिनों तक पेड़ों पर रहना पसंद हुआ करता था। प्रकृति की गोद में वह सुखद महसूस करते थे, इसलिए बचपन में वह अपना ज्यादातर समय प्रकृति के बीच ही बिताते थे।
एक दिन सद्गुरु एक पहाड़ पर बैठे थे, तब अचानक उन्हें ऐसी अनुभूति हुई कि वह अपने शरीर से अलग हो गए हैं और उनका विस्तार समस्त प्रकृति के रूप में हो गया है। मैसूर की चामुंडी पहाड़ियों पर खुली आंखों से हुए एहसास को समझने में उन्हें थोड़ा समय लगा। उन्हें इस प्रक्रिया के दौरान आनंद की अनुभूति हुई।
इसके बाद उन्हें अगले कुछ दिन तक बार-बार इसी तरह का अनुभव हुआ। सद्गुरु इस प्रक्रिया में सुकून महसूस करने लगे। इन एहसासों की वजह से उनकी मानसिकता और जीवनशैली में बदलाव आया। उन्हें परमानंद का ऐसा अनुभव पहले कभी नहीं हुआ था। इसी आनंद को और बढ़ाने के लिए उन्होंने राघवेन्द्र राव से योग की शिक्षा ली और योग करना शुरू किया।
इससे उनकी आत्म अनुभूति बढ़ती चली गई और उन्होंने अपने इन अनुभवों को बांटने के लिए पूरी जिंदगी लोगों के लिए समर्पित करने का निश्चय किया। इसी संकल्प के साथ सद्गुरु ने ईशा फाउंडेशन की शुरुआत की। वर्तमान समय में भारत समेत कई देशों में ईशा फाउंडेशन की ओर से योग कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, इनमें इंग्लैंड, लेबनान, संयुक्त राज्य अमेरिका, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया आदि शामिल हैं।