रत्नशास्त्र: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है। सूर्य आत्मविश्वास और लोकप्रियता से भी जुड़ा है। माणिक्य को सूर्य का रत्न माना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है या शुभ फल नहीं देता है उन्हें इस रत्न को धारण करने की सलाह दी जाती है।
ज्योतिष शास्त्र में माणिक्य को सर्वश्रेष्ठ रत्न माना गया है। रूबी हल्के लाल या गुलाबी रंग की होती है। यह रत्न अनमोल है। इसका इस्तेमाल गहनों की खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए भी किया जाता है। माणिक्य को नवरत्नों का राजा भी कहा जाता है।
सिंह राशि को देता है विशेष लाभ
सिंह राशि के जातकों का राशि रत्न माणिक्य बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि माणिक्य एक ऐसा रत्न है जिसमें थोड़ी अधिक सकारात्मक ऊर्जा होती है, इसे धारण करने के बाद व्यक्ति में चमक का आभास होने लगता है। एक सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है। माणिक्य को शुभ रत्न माना जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मेष, सिंह और धनु राशि वालों के लिए माणिक्य बहुत ही लाभकारी माना जाता है। यह मेष राशि के तहत पैदा हुए लोगों को मानसिक शक्ति प्रदान करता है। निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाता है। साथ ही मानसिक रूप से राजा जैसी भावना भी पैदा होती है। सिंह राशि वालों के लिए यह सबसे अधिक लाभकारी होता है। माणिक्य धारण करने से आध्यात्मिक, शारीरिक और मानसिक तनाव दूर होता है।
माणिक्य रत्न धारण करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें
माणिक्य धारण करने से पहले ज्योतिषी से सलाह लें और सही वजन और शुद्ध माणिक्य ही धारण करें। इसके साथ ही माणिक्य की शुद्धता की पहचान करने के लिए जब माणिक्य में दूध डाला जाता है तो उसका रंग गुलाबी हो जाता है। साथ ही सफेद चांदी के पात्र में माणिक को सूर्य के सामने रखा जाए तो चांदी का पात्र लाल रंग का दिखाई देगा।
माणिक्य रत्न को धारण करने से पहले उसे अभिमंत्रित करना चाहिए और सूर्य देव के मंत्रों से उसकी पूजा करनी चाहिए। इसे धारण करने के बाद प्रतिदिन तीन बार सूर्य देव को अर्घ्य देते हुए आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। इस उपाय से आपको अवश्य ही इस रत्न की शुभता और सूर्य देव की कृपा प्राप्त होगी।
माणिक्य रत्न के लाभ
- सूर्य ग्रह का रत्न माणिक्य अत्यंत चमकीला तीव्र लाल और गुलाबी रंग का होता है।
- अगर आप आंखों की समस्या से परेशान हैं तो इस रत्न को धारण करना चाहिए।
- इस रत्न के प्रभाव से व्यक्ति में प्रेम की भावना जागृत होती है और नेतृत्व के गुण उत्पन्न होते हैं।
- सरकारी क्षेत्र में कार्यरत लोगों के लिए यह रत्न बहुत ही लाभकारी होता है।
- इस रत्न को कार्य में लाभ और आपकी तरक्की के लिए धारण किया जाता है।
- यदि आप किसी रोग से पीड़ित हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको यह रत्न अवश्य धारण करना चाहिए।