साल का पहला प्रदोष व्रत कब है? जानें पूजा विधि और अन्य जरूरी बातें
Pradosh Vrat in January 2021: दिन के अनुसार आने वाले प्रदोष व्रत का महत्व भी अलग होता है, रविवार के प्रदोष व्रत से आयु वृद्धि तथा अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है

Pradosh Vrat Vidhi: साल 2021 का प्रदोष व्रत 10 जनवरी को रखा जाएगा। इस व्रत को रवि प्रदोष व्रत कहा जाता है क्योंकि ये रविवार को पड़ेगा। ये व्रत हर महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। सनातन धर्म के मुताबिक एक साल में कुल 24 प्रदोष व्रत होते हैं। इस व्रत में भगवान शिव की पूजा होती है। लेकिन रविवार के दिन पड़ने के कारण भगवान सूर्य की विशेष पूजा का भी विधान है। माना जाता है कि रवि प्रदोष व्रत सेहत की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण होता है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस दिन व्रत रखते हैं, सेहत संबंधी उनकी सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं विस्तार से –
क्या है इस दिन व्रत करने का महत्व: मान्यता है कि इस व्रत को रखने से लोग निरोगी व दीर्घायु होते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर है उन्हें रवि प्रदोष व्रत जरूर करना चाहिए। कहा जाता है कि रवि प्रदोष के दिन जो लोग व्रत रखते हैं, उन पर सदा भगवान शिव व सूर्य देव की कृपा रहती है। उनके जीवन में सुख, शांति, यश व संपन्नता की कभी कमी नहीं होती है। माना ये भी जाता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव कैलाश पर्वत पर प्रसन्न मुद्रा में नृत्य करते हैं। इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।
जानें पूजा विधि: सर्वप्रथम सुबह सूर्योदय से पहले उठ कर नित्त कर्मों से आवृत हो जाएं। नहाकर धुले हुए वस्त्र धारण करें। भगवान शिव की पूजा करें, इस दौरान आप बेलपत्र, दीप, धूप, अक्षत और गंगाजल का इस्तेमाल करें। पूरे दिन निराहार रहें और सूर्यास्त के बाद दोबारा स्नान करें। उसके उपरांत सफेद कपड़े पहन लें। पूजा स्थल को गंगाजल छिड़क कर शुद्ध कर लें। अब गाय के गोबर से मंडप तैयार करें और उसमें 5 अलग रंगों से रंगोली तैयार करें। ‘ऊँ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें और भगवान शिव को जल चढ़ाएं।
ये है त्रयोदशी तिथि की शुभ मुहूर्त:
पौष माह कृष्ण त्रयोदशी
व्रत शुरू – 10 जनवरी 2021, शाम 4 बजकर 52 मिनट से
व्रत का पारण – 11 जनवरी 2021, दोपहर 02 बजकर 32 मिनट पर