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Padmini Ekadashi 2020: इस तिथि को पड़ रही है पद्मिनी एकादशी, जानिये महत्व, मुहूर्त और पूजा विधि

Ekadashi in September 2020: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति विधि-विधान से पद्मिनी एकादशी का व्रत करता है, उसे विष्णु लोक की प्राप्ति होती है

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भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर और अर्जुन को इस व्रत के बारे में बताते हुए कहा था कि पद्मिनी व्रत को मोक्ष प्रदान करने वाला माना गया है।

Padmini Ekadashi in September 2020: 17 सितंबर से इस साल अधिक मास की शुरुआत हुई है। इसे मलमास भी कहा जाता है, मान्यताओं के अनुसार ये महीना भगवान विष्णु को समर्पित है, इसी कारण इसका एक नाम पुरुषोत्तम माह भी है। मलमास में श्रीहरि विष्णु की पूजा को बेहद शुभ और महत्वपूर्ण माना गया है। इस मास में पड़ने वाली एकादशी को पद्मिनी एकादशी कहा जाता है। सभी व्रतों में एकादशी व्रत का महत्व सबसे अधिक होता है। साथ ही, ये व्रत भगवान विष्णु के भी प्रिय हैं। ऐसे में अधिक मास में पड़ने वाली एकादशी का महत्व बढ़ जाता है। इस साल पद्मिनी एकादशी का व्रत 27 सितंबर 2020 को रखा जाएगा।

क्या पद्मिनी एकादशी व्रत का महत्व: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति विधि-विधान से पद्मिनी एकादशी का व्रत करता है, उसे विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। किसी भी तपस्या, अनुष्ठान, यज्ञ और व्रत आदि को करने से मिलने वाले फलों के समान ही फल इस एक व्रत को करने से मिलते हैं। शास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर और अर्जुन को इस व्रत के बारे में बताते हुए कहा था कि पद्मिनी व्रत को मोक्ष प्रदान करने वाला माना गया है। इसके अलावा, पारिवारिक कलह, आर्थिक और शारीरिक समस्या भी इस व्रत के प्रभाव से दूर होते हैं।

जान लीजिए पूजा विधि: सुबह-सवेरे ब्रह्मकाल में ही उठ जाएं। साफ सफाई के बाद जल्दी स्नान कर लें। साफ पीले रंग का वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु की पूजा शुरू कर दें। सबसे पहले पूजा स्थान में भगवान की तस्वीर स्थापित करें, फिर हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें। धूप-दीप जलाएं और विधिवत विष्णु जी की पूजा करें। श्रद्धापूर्वक नारायण की अराधना में लीन रहें। इस दिन निर्जल व्रत रखकर विष्णु पुराण के पाठ को भी अति उत्तम माना गया है। रात को सोएं नहीं, अपितु भजन-कीर्तन करें। द्वादशी तिथि के दिन व्रत का पूरे विधि-विधान से पारण करें।

ये है शुभ मुहूर्त: 
एकादशी तिथि की शुरुआत: 27 सितंबर 2020, सुबह 6 बजकर 12 मिनट से
एकादशी तिथि की समाप्ति: 28 सितंबर 2020, सुबह 8 बजे तक
पारण का समय: 28 सितंबर 2020, सुबह 6 बजकर 12 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 36 मिनट तक

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First published on: 20-09-2020 at 12:16 IST
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