Margashirsha Purnima Vrat 2022: मार्गशीर्ष माह 8 दिसंबर 2022 को समाप्त हो रहा है। इस दिन मार्गशीर्ष पूर्णिमा पड़ रही है। इस दिन व्रत और पूजा-पाठ का विशेष महत्व है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मार्गशीर्ष महीने में दान और भगवान कृष्ण की पूजा का बहुत महत्व है। इस माह को अगहन मास भी कहा जाता है। भगवान कृष्ण ने गीता में कहा कि माह में मैं सबसे पवित्र मार्गशीर्ष माह हूं। इस माह में पड़ने वाली अमावस्या को पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशिर्वाद भी प्राप्त होता है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मार्गशीर्ष माह में भगवान नारायण की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा-पाठ करने से घर में आर्थिक समृद्धि आती है।
-सुबह उठकर स्नान के बाद साफ कपड़े पहने।
-भगवान कृष्ण की पूजा करें और व्रत का संपल्प लें।
-वेदी बनाकर पूजा करें और हवन में आहुति दें।
-रात में भगवान नाराणय की मूर्ति के पास ही सोएं।
-जरूरतमंद या गरीबों को दान भी करना चाहिए।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा महत्व
मान्यता के अनुसार गंगा या किसी पवित्र नदीं में तुलसी के जड़ की मिट्टी से स्नान करने से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन किए गए दान का महत्व अन्य पूर्णिमा पर किए गए दान से 32 गुना अधिक होता है। इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा और कथा सुनना भी शुभ होता है।
मार्गशीर्ष माह में जरूर करें ये काम, भगवान कृष्ण की कृपा मिलने की है मान्यता
भगवान कृष्ण के सबसे प्रिय महीनों में से एक मार्गशीर्ष माह में भगवान कृष्ण की विधि-विधान से पूजा करें। इस माह में यमुना नदी में स्नान करने से भी सभी मनोकामनाएं पूरी होने की मान्यता है। इस माह में गीता का पाठ करना भी लाभप्रद बताया गया है। अगहन यानि की मार्गीशीर्ष माह 9 नवंबर 2022 से शुरू है।