Grah Dosh Upay: आप लोगों ने देखा होगा कि कुछ बच्चे जन्म से ही आलसी और गुस्सैल होते हैं और वह इतने जिद्दी होते हैं कि अगर उनको कोई चीज लेनी हो तो उसे पाकर ही दम लेते हैं। दरअसल जब भी किसी बच्चे का जन्म होता है तो उसके ऊपर सभी ग्रहों का प्रभाव होता है। साथ ही ग्रहों का प्रभाव उसके जीवन और व्यक्तित्व पर भी पड़ता है। आपको बता दें कि जन्मकुंडली में अशुभ स्थिति के कारण बच्चा गुस्सैल होता है, वहीं शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव के कारण बच्चा आलसी होता है। आइए जातने हैं जन्म कुंडली में ऐसी स्थिति कब बनती है और इनसे बचने के उपाय…
ग्रहों की इस स्थिति के कारण बच्चा होता है गुस्सैल
ज्योतिष शास्त्र में कुंडली के प्रथम भाव (लग्न भाव) को स्वभाव या प्रकृति का स्थान माना जाता है। सात ही कुंडली का पंचम भाव बुद्धि भाव होता है। यह भाव भी जातक (बच्चे) के प्रकृति को प्रभावित करता है। वैदिक ज्योतिष में मंगल को गुस्सा, जिद्दी स्वभाव, आक्रामकता, उठापटक आदि का कारक ग्रह माना गया है। इसलिए अगर मंगल ग्रह इन भावों में नीच या अशुभ स्थित हो तो बच्चा क्रोधी और जिद्दी होता है। वह बात- बात पर क्रोध करता है। साथ ही चीजों को पाने के लिए जिद करता है।
करें ये ज्योतिषीय उपाय
- बच्चे के मस्तक पर सफेद चन्दन का तिलक लगाएं। ऐसा करने से बच्चा गुस्सा कम करेंगा। साथ ही उसका दिमाग शांत रहेगा।
- सात मंगल बच्चे के हाथ से मंगल ग्रह से संबंधित चीजों का दान कराएं।
- हर शनिवार या मंगलवार को बच्चे के हाथ से हनुमान जी को प्रसाद चढ़वाएं।
- मंगल को मजबूत करने के लिए हनुमान जी को चोला चढ़ा सकते हैं। इससे भी लाभ मिलेगा।
ग्रहों की इस स्थिति के कारण बच्चा होता है आसली
वैदिक ज्योतिष मुताबिक अगर कुंडली के प्रथम या पंचम भाव में शनि ग्रह नकारात्मक या अशुभ स्थित हों तो वह बच्चा आसली होता है। क्योंकि शनि कर्म के स्वामी हैं और शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव के कारण वह बच्चा कर्म करने में पीछे रहता है। आइए जानते हैं शनि का नकारात्मकता दूर करने के उपाय…
- शनि देव अगर कुंडली में नकारात्मक हो तो बच्चे के हाथ से शनिवार को शनि मंदिर में जाकर एक दीपक जलवाएं।
- शनि को मजबूत करने के लिए शनि देव, हनुमान जी और भगवान शिव की आराधना बच्चे से करवाएं या खुद करें।
- बच्चे के हाथ से कुत्तों को तेल से चुपड़ी रोटी खिलवाएं।
- शनि को प्रबल करने के लिए कंबल, जूता, चप्पल, लोहा, काले कपड़े और नारियल जटा वाला बच्चे के हाथ से दान करवाएं।